देश के लिए इस खिलाड़ी ने कर दी अपने प्यार की कुर्बानी

अब वर्ल्ड कप में सबकी क्लास लगाकर भारत को बनाया विजेता

टीम की स्टार प्लेयर पार्श्वी चोपड़ा

मात्र छह मैच में पार्श्वी ने कुल 11 विकेट झटके और इस विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने की सूची में दूसरे नंबर पर भी रहीं।

टीम इंडिया वर्ल्ड चैंपियन

पार्श्वी की लहराती गेंदों का टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम रोल रहा है।

क्रिकेट के लिए पहले प्यार को छोड़ा

बेशक पार्श्वी अपने परिवार में इकलौती ही लड़की हैं और पार्श्वी ने वो कामयाबी भी हासिल की है जो कि उनके परिवार में अब तक कोई अन्य नहीं कर पाया।

बेटी की सफलता ने पूरे खानदान को खुशी

बेटी की सफलता ने पूरे खानदान को खुशी और जश्न मनाने का एक मौका दिया है। बता दें कि उनके पिता, दादा और चाचा भी पहले क्रिकेटर ही थे, लेकिन पार्श्वी चोपड़ा का क्रिकेट पहला प्यार नहीं था।

क्रिकेट खेल विरासत के रूप में मिला

पार्श्वी चोपड़ा को क्रिकेट खेल विरासत के रूप में मिला है। उनके परिवार में कई सारे सदस्य क्रिकेट से ही जुड़े हुए थे। इसके बावजूद भी पार्श्वी को क्रिकेट से पहले स्केटिंग करना पसंद था।

पार्श्वी ने स्केटिंग में कई मेडल और कुछ अवॉर्ड भी जीते

अपने स्कूल के दिनों में पार्श्वी ने स्केटिंग में कई मेडल और कुछ अवॉर्ड भी जीते थे। बाद में उन्होंने स्केटिंग छोड़ क्रिकेट को अपना लिया और सफलता भी कमाई।

पिता के कारण स्केटिंग को कहा अलविदा

जानकारी के अनुसार पार्श्वी चोपड़ा ने अपने पिता के कारण पहली पसंद स्केटिंग को अलविदा कहा था। उनके पिता का नाम गौरव चोपड़ा हैं और वे चाहते थे उनकी बेटी भी क्रिकेट ही खेले।

पार्श्वी ने स्केटिंग को भुला दिया

हालाँकि क्रिकेट खेलना शुरू करने के बाद पार्श्वी ने स्केटिंग को भुला दिया। विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद उनके पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर बहुत गर्व है, जिसने अपने शानदार खेल से देश को विश्व चैंपियन बनाया है।

चोट भी इरादों को नहीं हरा पाई

उनके सफर की शुरुआत उतनी अच्छी नहीं रही। उस मैच में उन्हें फील्डिंग के दौरान चोट लग गई। तब उनके होंठों से खून भी निकल रहा था। उसमें काफी सूजन भी आ गई थी।