अर्चना देवी की पहचान के पीछे माँ के संघर्षों की कई कहानियाँ

बेटी बेच दी, बोला गया डायन, लेकिन फिर भी मां ने नहीं मानी हार, बेटे की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए बेटी को बनाया क्रिकेटर

गेंदबाज अर्चना देवी

भारत ने इस मैच में 3 विकेट खोकर लक्ष्य को हासिल कर लिया। इस शानदार जीत की नींव गेंदबाज अर्चना देवी ने रखी थी

माँ के संघर्षों ने दिलाई सफलता

आज भले ही अर्चना देवी को एक अलग ही पहचान मिल चुकी है, लेकिन इसके पीछे माँ के संघर्षों की कई कहानियाँ भी छिपी हुई हैं।

अर्चना देवी की माँ का नाम सावित्री देवी

अर्चना देवी की माँ का नाम सावित्री देवी है और उनका परिवार उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले केरतई पुरवा गांव में रहता है। माँ के अलावा परिवार में अर्चना का एक भाई भी हैं। साल 2008 में कैंसर के कारण इनके पिता की मृत्यु हो गई थी।

माँ सावित्री देवी ने ही अपने तीनों बच्चों का पालन-पोषण किया

पिता के बाद माँ सावित्री देवी ने ही अपने तीनों बच्चों का पालन-पोषण किया। अर्चना के एक भाई की मृत्यु साल 2017 में सांप के काटने से हो गई थी।

बेटी बेच दी, बोला गया डायन

जब सावित्री देवी ने बेटी को एक क्रिकेटर बनाने का निर्णय लिया तब उनके रिश्तेदारों ने भी खूब ताने मारे, उनका कहना था कि सावित्री अपनी बेटी को गलत रास्ते पर धकेल रही है। इसके बावजूद भी सावित्री अडिग रहीं और बेटी को क्रिकेटर बनाने में हर संभव प्रयास किया।

गाँव वाले कहते थे डायन

सावित्री देवी को उसके बेटे और पति की मौत का जिम्मेदार मानते हुए उन्हें गाँव वाले डायन कहते थे। लोगों का यहाँ तक मानना था कि उनका घर एक डायन का घर है।

मेरी मां को गांव वाले डायन बताते थे

अर्चना के भाई ने कहा, “मेरी मां को गांव वाले डायन बताते थे। वो लोग कहते थे पहले अपने पति को खा गयी, फिर अपने ही एक बेटे को, इनको देख ले तो लोग रास्ता बदल लेते थे

भाई की अंतिम इच्छा

गौरतलब है कि अर्चना के बड़े भाई बुद्धिमान कुमार ने अपनी मौत से पहले अर्चना के क्रिकेटर बनने की बात कही थी और आज अर्चना ने बड़े भाई आखरी इच्छा को भी पूरा कर दिया है।

बड़े भाई को एक कोबरा ने काट लिया

“मेरे बड़े भाई को एक कोबरा ने काट लिया। अस्पताल ले जाते समय उन्होंने मेरी बांहों में दम तोड़ दिया। उनके आखरी शब्द थे ‘अर्चना को क्रिकेट खिलाओ।