
ना जूते, ना बॉल फिर भी किया कमाल
भारत के सबसे तेज गेंदबाज का तमगा हासिल कर चुके उमरान मलिक ने जब 156 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाली तो हर कोई हैरान रह गया।
उमरान मलिक जब 18 साल के थे तब जम्मू-कश्मीर अंडर -19 टीम का हिस्सा बने। उनके इस तेज गेंदबाज बनने के सफर की भी कहानी रोचक है।
उमरान ने 17 साल की उम्र तक लेदर नहीं बल्कि टेनिस बॉल से क्रिकेट खेला था और वह मोहल्ला स्तर के टूर्नामेंट में खेलते थे।
जम्मू डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के कोच रणधीर मन्हास की नजर जब उमरान की गेंदबाजी पर पड़ी तो वो हैरान रह गए और उन्होने उमरान अंडर 19 ट्रेनिंग के लिए भेजा।
उधार के जूते लेकर उमरान ने अपनी ट्रेनिंग शुरू की थी। फिर कूचबिहार ट्रॉफी में मैच खेलने का मौका मिला।
जम्मू के गुर्जर नगर में एक मामूली परिवार से ताल्लुक रखने वाले मलिक के पिता अब्दुल राशिद, शहीदी चौक में एक फल-विक्रेता हैं।
2020 में सनराइजर्स हैदराबाद के कोच टॉप मूडी ने उनके अभ्यास के कुछ वीडियो देखे और इस तरह उनकी आईपीएल में एंट्री हुई जहां से उनकी तकदीर बदल गई।
उमरान के घर में उनकी माँ और दो बड़ी बहनें हैं। कटे हुए बाल रखने की वजह से घरेलू क्रिकेट में उमरान को गजनी के नाम से जाना जाता है।
श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे मैच में 156 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंककर 24 साल पुराना भारतीय रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया।