जब दीपावली पर टीम इंडिया ने जीता वर्ल्डकप मैच, जीत के जश्न में जमकर रात भर हुई थी आतिशबाजी

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क्रिकेट न्यूज़ डेस्क. देशभर में दिवाली धूमधाम से मनाई जा रही है. दिवाली और क्रिकेट का रिश्ता भी पुराना है. पिछले कई दिवाली डेज या दिवाली डेज पर भारतीय क्रिकेट टीम को विपक्षियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बीसीसीआई और उसके आधिकारिक प्रसारणकर्ता स्टार स्पोर्ट्स का मानना ​​है कि वह इस दौरान अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं.

विश्व कप 1987

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आज दिवाली पर बात करते हैं भारतीय टीम के एक ऐसे ही यादगार मैच के बारे में जब कपिल देव की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर देशवासियों को दिवाली का तोहफा दिया था. 1987 विश्व कप का 15वां मैच दिवाली के दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। इतिहास के पन्ने खंगालें तो पता चलेगा कि पहले तीन विश्व कप इंग्लैंड में खेले गए थे. इस संस्करण का नाम रिलायंस वर्ल्ड कप रखा गया।

दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने छह विकेट के नुकसान पर 289 रन बनाए. कप्तान कपिल देव और रवि शास्त्री को छोड़कर सभी बल्लेबाजों ने अच्छा स्कोर बनाया। ओपनर श्रीकांत और सुनील गावस्कर ने क्रमश: 26 और 61 रन बनाए. तीसरे नंबर के नवजोत सिद्धू (51), चौथे नंबर के दिलीप वेंगसरकर (63) और मोहम्मद अज़हरुद्दीन (नाबाद 54) ने अर्धशतक जमाये. कंगारुओं के लिए यह आसान लक्ष्य था, लेकिन अज़हर ने इसे मुश्किल बना दिया. बल्ले से दम दिखाने के बाद अज़हर ने अपनी जादुई गेंदबाज़ी से मैच का पासा पलट दिया. बेहतरीन शुरुआत के बावजूद ऑस्ट्रेलिया हार गया. भारतीय गेंदबाज नियमित अंतराल पर विकेट लेते रहे. मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने 3.5 ओवर में 19 रन देकर तीन विकेट लिए, जबकि मनिंदर सिंह ने 10 ओवर में 34 रन देकर इतने ही बल्लेबाजों का सामना किया।

विश्व कप 1987
पूरा देश इस बड़ी जीत के जश्न में डूबा हुआ था. आसमान आतिशबाजी से जगमगा उठा, लेकिन 56 रनों की इस जीत के बावजूद मौजूदा चैंपियन भारत अपना खिताब नहीं बचा सका. भारत ने निश्चित तौर पर सेमीफाइनल में जगह बनाई और उसका मुकाबला इंग्लैंड से हुआ। 1987 विश्व कप में उनका सफर सेमीफाइनल में हार के साथ समाप्त हुआ। बाद में ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में इंग्लैंड को हराकर खिताब जीता और दुनिया को एक नया चैंपियन मिला।

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