यूनिस खान ने पैसों के लिए PCB के ऑफर को मारी लात, पाकिस्तान की जगह बने अफगानिस्तान के मेंटॉर

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में पाकिस्तान टीम का सफर शर्मनाक तरीके से खत्म हुआ है। मेजबान टीम होने के बावजूद वे एक भी मैच जीते बिना टूर्नामेंट के पहले दौर से बाहर हो गये। दूसरी ओर, उसके पड़ोसी देश अफगानिस्तान ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने इंग्लैंड को हराकर और उसे टूर्नामेंट से बाहर करके सभी क्रिकेट विशेषज्ञों को आश्चर्यचकित कर दिया है। माना जाता है कि इंग्लिश टीम के खिलाफ इस ऐतिहासिक जीत में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज यूनिस खान की अहम भूमिका रही है। इस टूर्नामेंट से पहले उन्हें अफगान टीम का मेंटर चुना गया था। लेकिन अब उनके इस फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है। आइये इस पूरे मामले को विस्तार से जानते हैं।
पीसीबी के पैसे के प्रस्ताव को ठुकरा दिया?
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और दिग्गज क्रिकेटर राशिद लतीफ ने दावा किया है कि यूनिस खान को चैंपियंस ट्रॉफी में काम करने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से प्रस्ताव मिला था। लेकिन उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ काम करने से इनकार कर दिया और अफगानिस्तान के लिए मेंटर बनने का फैसला किया। उनका मानना है कि यूनिस ने यह काम पैसों के लिए किया। लतीफ ने एक पाकिस्तानी चैनल से कहा, 'यूनिस खान ने पाकिस्तान क्रिकेट को अफगानिस्तान के साथ काम करने से मना कर दिया क्योंकि यहां पैसे के मामले में कोई फायदा नहीं है।'
एसीबी ने किया था बचाव
एसीबी के सीईओ नसीब खान पहले ही यूनिस खान का बचाव कर चुके हैं। उनका कहना है कि चूंकि चैम्पियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में खेली जा रही है, इसलिए उनकी टीम के लिए मेजबान देश के एक अनुभवी और दिग्गज क्रिकेटर को मेंटर के रूप में नियुक्त करना महत्वपूर्ण था। इससे पहले भी उन्होंने ऐसे फैसले लिए हैं जिनसे उन्हें फायदा हुआ है। दरअसल, पिछले कुछ समय से अफगानिस्तान की टीम ने टूर्नामेंट के मेजबान के आधार पर अपना मेंटर चुनने की रणनीति अपनाई है।
इसकी वजह से अफगानिस्तान को काफी सफलता भी मिली है। भारत की मेजबानी में होने वाले 2023 वनडे विश्व कप के लिए एसीबी ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा को टीम का मेंटर नियुक्त किया है। इसका फायदा टीम को मिला और उसने पाकिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ जीत हासिल की। वेस्टइंडीज में खेले गए टी20 विश्व कप के दौरान अफगान टीम ने ड्वेन ब्रावो को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। इस दौरान वह सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल रहीं।