पत्नी और बेटी को हर महीने दो 4 लाख रुपये... हाईकोर्ट का क्रिकेटर शमी को आदेश, जानें कैसे तय हुई ये मेंटेनें...

पत्नी और बेटी को हर महीने दो 4 लाख रुपये... हाईकोर्ट का क्रिकेटर शमी को आदेश, जानें कैसे तय हुई ये मेंटेनें...

मोहम्मद शमी और हसीन जहां के बीच चल रहे कानूनी विवाद को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने अहम आदेश पारित किया है। कोर्ट में जस्टिस अजय कुमार मुखर्जी की सिंगल बेंच ने गुजारा भत्ता देने का आदेश पारित किया। जस्टिस मुखर्जी ने अपने आदेश में कहा, "विपक्षी पक्ष/पति (मोहम्मद शमी) की आय, वित्तीय दस्तावेजों और आय को देखते हुए यह स्पष्ट है कि वह अधिक भुगतान करने की स्थिति में है। याचिकाकर्ता (हसीन जहां) अपनी बेटी के साथ स्वतंत्र रूप से रहती है।

लड़की का भविष्य उचित रूप से सुरक्षित हो सकता है

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि शमी से अलग रह रही पत्नी, विवाह के दौरान मिले भरण-पोषण के समान ही भरण-पोषण की हकदार है। इससे उसका और उसकी बेटी का भविष्य उचित रूप से सुरक्षित हो सकेगा।

पत्नी और बेटी के लिए अलग-अलग भरण-पोषण

कोर्ट के अनुसार, पत्नी को 1.50 लाख रुपये प्रति माह और बेटी को 2.50 लाख रुपये प्रति माह देना उचित होगा। यह राशि मुख्य याचिका के निपटारे तक देनी होगी। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि मुख्य याचिका के निपटारे तक दोनों याचिकाकर्ताओं की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।

पत्नी का आरोप- पति और उसके परिवार ने उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया

कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता 7 अप्रैल 2014 को इस्लामिक रीति-रिवाज से शादी हुई थी। इस शादी के बाद दोनों को एक बेटी हुई। शमी और हसीन जहां की बेटी का जन्म 17 जुलाई 2015 को हुआ। हसीन जहां ने आरोप लगाया है कि शादी के बाद उन्हें और उनकी नाबालिग बेटी को उनके पति और उनके परिवार द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। याचिकाकर्ता (हसीन जहां) ने उत्पीड़न के खिलाफ पश्चिम बंगाल में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

पश्चिम बंगाल के जादवपुर में एफआईआर दर्ज

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हसीन जहां की शिकायत के आधार पर पुलिस ने बंगाल के जादवपुर में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने 8 मार्च 2018 को जादवपुर थाने में केस नंबर 82/2018 दर्ज किया। इसमें शमी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498ए, 328, 307, 376, 325 और 34 के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पति मोहम्मद शमी और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी आरोप लगाए गए हैं। अपने परिवार के लिए 10 लाख रुपये... बेटी के लिए 3 लाख रुपये की मांग की

अपीलकर्ता हसीन जहां का कहना है कि लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना, उपेक्षा और अपमानजनक व्यवहार के कारण उन्होंने महिला सुरक्षा अधिनियम की धारा 12 के तहत अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अपने लिए 7 लाख रुपये प्रति माह और अपनी नाबालिग बेटी के लिए 3 लाख रुपये प्रति माह अंतरिम भरण-पोषण की मांग की।

ट्रायल कोर्ट ने दो आदेश पारित किए

बंगाल की ट्रायल कोर्ट में याचिकाकर्ता पत्नी की अपील पर सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट ने कहा कि सिर्फ नाबालिग बेटी को ही 80,000 रुपये प्रति माह भरण-पोषण मिलेगा। ट्रायल कोर्ट ने पत्नी के लिए भरण-पोषण की मांग को भी खारिज कर दिया। इस आदेश के खिलाफ दायर अपील में आदेश को संशोधित किया गया। कोर्ट ने पति मोहम्मद शमी को पत्नी को 50,000 रुपये प्रति माह और बेटी को 80,000 रुपये प्रति माह भरण-पोषण देने का आदेश दिया।

वकील ने कहा- अलग रह रही पत्नी का मासिक खर्च करीब 6 लाख रुपये है।

हसीन जहां ने इस अंतरिम आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की ट्रायल कोर्ट में पेश हुए वकील ने अपनी दलील में कहा कि उनके पति मोहम्मद शमी की आय वर्ष 2020-21 में 7 करोड़ रुपये से अधिक थी। पत्नी का मासिक खर्च करीब 6 लाख रुपये है। इस दलील के खिलाफ शमी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता तलाकशुदा है, उसने कई तथ्य छिपाए हैं।

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