इंग्लैंड के खिलाफ क्यों खेल रहे हैं सैम और टॉम करन के भाई बेन करन, ये है इसके पीछे की कहानी

इंग्लैंड के खिलाफ क्यों खेल रहे हैं सैम और टॉम करन के भाई बेन करन, ये है इसके पीछे की कहानी

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। सभी जानते हैं कि इंग्लैंड के खिलाड़ी सैम कुरेन और टॉम कुरेन सगे भाई हैं। हालाँकि, सैम कुरेन भारत में अधिक लोकप्रिय हैं क्योंकि वह आईपीएल में बहुत अधिक खेलते हैं। टॉम कुरेन भी आईपीएल में खेल चुके हैं, लेकिन वह ज्यादा दिन नहीं टिक सके और इसलिए उन्हें भुला दिया गया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके दूसरे भाई का नाम बेन करन है। जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं, लेकिन इंग्लैंड के लिए नहीं, बल्कि जिम्बाब्वे के लिए। अब उन्हें अपने भाई की टीम इंग्लैंड के खिलाफ खेलने का अवसर मिला है। लेकिन सवाल यह है कि जब सैम और टॉम इंग्लैंड के लिए खेलते हैं तो बेन कुरेन जिम्बाब्वे के लिए क्यों खेलते हैं? आइये हम आपको इसके पीछे की पूरी कहानी बताते हैं।

बेन कुरेन के पिता जिम्बाब्वे के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं।
पहली बात तो यह है कि इंग्लैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना कोई आसान काम नहीं है। इतने सारे खिलाड़ी पहले से ही अपना दावा पेश कर रहे हैं कि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि बेन की बारी आएगी या नहीं। एक और बात यह है कि इन तीन भाइयों, टॉम, सैम और बेन करन के पिता का जन्म जिम्बाब्वे में हुआ था। उसका नाम केविन कर्रन है। खास बात यह है कि इन तीनों के पिता केविन कुरेन जिम्बाब्वे के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं। उन्होंने 1983 से 1987 तक जिम्बाब्वे के लिए खेला। केविन ने इस टीम के लिए 11 मैच खेले हैं, इसलिए बेन ने भी सोचा कि वह अपने पिता की टीम जिम्बाब्वे के लिए क्रिकेट खेलेंगे।

बेन कुरेन ने इंग्लैंड के लिए काउंटी क्रिकेट खेला है।
बेन कुरेन ने इंग्लैंड काउंटी टीम के लिए क्रिकेट खेला है। उन्होंने 1991 से 1999 तक नॉर्थम्पटनशायर के लिए क्रिकेट खेला। यानी अपने भाइयों की तरह बेन के पास भी इंग्लैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का विकल्प था, लेकिन कुछ सोच-विचार के बाद उन्होंने अपने पिता की टीम के लिए क्रिकेट खेलने का फैसला किया और अब वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं और उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ भी खेलने का मौका मिला है।

बेन कुरेन का अब तक प्रदर्शन कुछ इस प्रकार रहा है।
बेन कुरेन ने अब तक इंग्लैंड के लिए 5 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 307 रन बनाए हैं। उन्होंने अब तक एक अर्धशतक भी बनाया है। पिछले साल दिसंबर में उन्हें अफगानिस्तान के खिलाफ जिम्बाब्वे की ओर से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिला। हालाँकि, जब वह इंग्लैंड के खिलाफ खेलने आए तो कुछ खास नहीं कर सके। इस मैच की पहली पारी में वह दस गेंदों पर मात्र 6 रन ही बना सके थे। अब देखना यह है कि वे मैच की दूसरी पारी में कैसा प्रदर्शन करते हैं।

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