क्यों कूकाबुरा और एसजी से भी बेहद खतरनाक है ड्यूक बॉल, इंग्लैंड में टीम इंडिया के लिए बनेगी सिर दर्द

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क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से 5 मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू होने जा रही है। यह सीरीज एक नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) चक्र की शुरुआत भी है। भारतीय टीम इस सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ कूकाबुरा या एसजी नहीं बल्कि ड्यूक गेंद से खेलने जा रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इस गेंद की खासियत क्या है।

ड्यूक गेंद का सामना

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भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड में ड्यूक गेंद से टेस्ट सीरीज खेलेगी। शुभमन गिल की अगुआई वाली टीम इंग्लैंड में जमकर अभ्यास कर रही है। कोच गौतम गंभीर भी चाहते हैं कि गिल की कप्तानी में टीम अच्छा प्रदर्शन करे। आमतौर पर क्रिकेट में तीन तरह की गेंदों का इस्तेमाल होता है। एसजी, कूकाबुरा और ड्यूक गेंद। भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच में ड्यूक गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। इंग्लैंड के अलावा वेस्टइंडीज में भी इस गेंद से मैच खेले जाते हैं।

हाथ से सिली जाती हैं सीम
ड्यूक गेंद हाथ से बनाई जाती है। इसकी सिलाई मशीन से नहीं बल्कि हाथ से की जाती है। ड्यूक गेंद की सीम लंबे समय तक एक समान रहती है। यह गेंद लंबे समय तक सख्त रहती है और इसका आकार जल्दी नहीं बदलता है. यह गेंद तेज गेंदबाजों के साथ-साथ स्पिन गेंदबाजों के लिए भी मददगार है. हालांकि, तेज गेंदबाजों को इससे ज्यादा मदद मिलती है. करीब 30 ओवर के बाद इस गेंद से रिवर्स स्विंग मिलने लगती है. स्कॉटलैंड से बनता है चमड़ा इस गेंद के लिए चमड़ा स्कॉटलैंड से आयात किया जाता है. चमड़े की मोटाई 4 मिलीमीटर से 4.5 मिलीमीटर तक होती है. ड्यूक बॉल ब्रिटिश क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड कंपनी बनाती है. गेंद का वजन 156 ग्राम से 163 ग्राम तक होता है. एक गेंद बनाने में 3 से 4 घंटे का समय लगता है. 2007 से नहीं जीती है सीरीज भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड के खिलाफ हर हाल में सीरीज जीतना बेहद जरूरी है. टीम इंडिया ने 2007 से इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है. पिछली बार 2021-22 में टीम इंडिया ने इस दौरे पर सीरीज 2-2 से ड्रॉ की थी. लेकिन इस बार टीम इंग्लैंड में हर हाल में जीत दर्ज करना चाहेगी.

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