जब सौरव गांगुली बल्ला लेकर पड गए थे पुरी टीम के पिछे, लगे थे ऐसे गंभीर आरोप, 'दादा' का टूट गया था दिल

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। क्रिकेट के पितामह कहे जाने वाले सौरव गांगुली अपने समय के महानतम क्रिकेटरों में से एक थे। उन्होंने कई वर्षों तक टीम इंडिया का नेतृत्व भी किया और वह भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक थे। लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब गांगुली इतने टूट गए थे कि उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला कर लिया था. भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने उनसे मजाक किया कि गांगुली ने बल्ले से उनका पीछा किया.
क्या माजरा था?
साल 2005 में जब पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर थी तो 1 अप्रैल को भारतीय टीम ने मेहमान टीम को हरा दिया था. सौरव गांगुली कप्तान थे, लेकिन उनका बल्ला शांत नजर आया. खराब फॉर्म से जूझ रहे गांगुली पहले ही निराश थे और उनके साथियों ने उन्हें एक और झटका दे दिया. युवराज सिंह ने गांगुली को अप्रैल फूल बनाने की योजना बनाई और इसमें हरभजन को भी शामिल कर लिया। आलोचना से बचने के लिए इन दोनों दिग्गजों ने अपने साथ सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ को भी शामिल कर लिया.
सौरव गांगुली पर आरोप
अपने फॉर्म से निराश होकर गांगुली ड्रेसिंग रूम में दाखिल हुए और हरभजन और युवराज ने मिलकर उन पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, दादा आपने देशभर के अखबारों में हमारे बारे में क्या कहा, यूवी तो पार्टी वाले हैं, भज्जी गंभीर नहीं हैं। राहुल द्रविड़ मदद नहीं करते. आपने ये भी कहा कि सचिन तेंदुलकर सिर्फ अपने लिए खेलते हैं. हमें आपसे ये उम्मीद नहीं थी, अगर आप हमारे लिए ऐसा सोचेंगे तो टीम आपके लिए कैसे खेलेगी?
गांगुली कप्तानी छोड़ने को तैयार थे
सौरव गांगुली ने इन आरोपों से इनकार किया है. दादा ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा. लेकिन हरभजन और युवी अब भी असहमत हैं, उन्होंने कहा, क्या सभी अखबार गलत हैं? जिसके बाद गांगुली का दिल टूट गया और उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला कर लिया. गांगुली ने कहा कि अगर आप लोगों को मेरी बात पर यकीन नहीं है तो मैं कप्तानी छोड़ने को तैयार हूं, आपमें से कोई एक कप्तानी संभाल ले. गांगुली को परेशान देखकर खिलाड़ी हंसने लगे और राहुल द्रविड़ ने कहा कि वे उन्हें अप्रैल फूल बना रहे हैं. इसी बीच गांगुली ने अपने बल्ले से सभी को खदेड़ दिया. टीम के साथियों ने उन्हें गले लगाया और कहा 'आई लव यू'.