ये क्या मजाक है...शतक लगाने से पहले ही कर दिया पारी घोषित, भारतीय टीम ने अपने ही खिलाड़ी के साथ इंग्लैंड में किया खेल
 

ये क्या मजाक है...शतक लगाने से पहले ही कर दिया पारी घोषित, भारतीय टीम ने अपने ही खिलाड़ी के साथ इंग्लैंड में किया खेल

क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  अगले कुछ हफ्तों में हर भारतीय क्रिकेट फैन टीवी से चिपका रहेगा। उनके दिल में बस एक ही ख्वाहिश होगी- टीम इंडिया किसी तरह इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में हरा दे। साथ ही यह उम्मीद भी रहेगी कि शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत और केएल राहुल जैसे बल्लेबाज खूब शतक लगाएं। ऐसा होगा या नहीं, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा। लेकिन इंग्लैंड में शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज जब शतक के बेहद करीब पहुंचे, तभी भारतीय टीम ने उन्हें रोक दिया। इंडिया ए और इंग्लैंड लायंस के बीच मैच में स्पिन ऑलराउंडर तनुश कोटियन के साथ ऐसा हुआ। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले इंग्लैंड में ही दोनों देशों की टीमों के बीच एक अलग टेस्ट सीरीज खेली जा रही थी। इंडिया ए और इंग्लैंड लायंस के बीच 2 अनऑफिशियल टेस्ट मैचों की इस सीरीज का दूसरा मैच सोमवार 9 जून को नॉर्थम्पटन में खत्म हुआ। पहले मैच की तरह यह चार दिवसीय मैच भी ड्रॉ पर खत्म हुआ। इस मैच की दोनों पारियों में टीम इंडिया के लिए कुछ बल्लेबाजों ने दमदार प्रदर्शन किया। सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने पहली पारी में शानदार शतक लगाया, लेकिन तनुश कोटियन को दूसरी पारी में वैसी किस्मत नहीं मिली।

पारी महज 10 रन पहले घोषित कर दी गई

शतक लगाने से पहले पारी घोषित, भारतीय टीम ने अपने ही खिलाड़ी के साथ इंग्लैंड में किया खेल

मैच के आखिरी दिन भारत ए ने दूसरी पारी में 6 विकेट पर 253 रन बनाए थे, जब कोटियन आठवें बल्लेबाज के रूप में क्रीज पर आए। स्पिनर-ऑलराउंडर ने यहां के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट में भी अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया है। मुंबई के इस खिलाड़ी ने शानदार अर्धशतक बनाया और टीम को 400 से ज्यादा रन तक पहुंचाया। चाय के विश्राम के दौरान जब कोटियन 90 रन बनाकर नाबाद लौटे, तो उम्मीद थी कि आखिरी सत्र शुरू होने पर उन्हें जल्दी से शतक पूरा करने का मौका दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही नया सत्र शुरू हुआ, टीम प्रबंधन ने पारी घोषित कर दी और तनुश महज 10 रन से अपना शतक चूक गए।

विदेश में पहली बार शतक बना सकते थे
26 वर्षीय कोटियन महज 108 गेंदों पर 90 रन बनाकर नाबाद लौटे, जिसमें 10 चौके और 1 छक्का शामिल था। अगर वे शतक पूरा कर लेते तो यह उनके प्रथम श्रेणी करियर का तीसरा शतक होता। लेकिन यह इसलिए खास होता क्योंकि यह पहला मौका होता जब वे भारत से बाहर और रणजी ट्रॉफी-ईरानी ट्रॉफी के अलावा किसी दूसरी सीरीज में शतक लगाते। हालांकि, उन्होंने 9वें नंबर पर आए अंशुल कंबोज के साथ 149 रन की शानदार साझेदारी कर टीम को 417 के स्कोर तक पहुंचाया। कंबोज ने भी 51 रन की दमदार पारी खेली। दूसरी पारी में इंग्लैंड लायंस का स्कोर 32 रन पर 3 विकेट था जब मैच ड्रॉ हुआ।

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