"हमें तो अपनों ने लूटा", टीम से बाहर किये जाने को लेकर बोले गांगुली, कहा ‘सिर्फ ग्रेग चैपल ही नही, बल्कि सबने मिलकर मुझे धोखा दिया’

हमें तो अपनों ने लूटा, टीम से बाहर किये जाने को लेकर बोले गांगुली, कहा ‘सिर्फ ग्रेग चैपल ही नही, बल्कि सबने मिलकर मुझे धोखा दिया’

क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  एक समय के भारतीय टीम के सबसे सफल और दिग्गज कप्तानों में से एक मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली के क्रिकेट करियर का आखरी समय काफी निराशजनक रहा। अक्सर इस बात का जिक्र क्रिकेट के मैदानों में होता रहता है, की सबसे चर्चित और विवादित कोच भारतीय टीम के ग्रेग चैपल ने ही उनसे कप्तानी छीनी थी। लेकिन इस बात को अब सौरव गांगुली ने खारिज कर दिया है, और उन्होंने बताया, की विदेशी कोच ऐसा एक अकेला नही कर सकता, इस चीज में बहुत से लोग शामिल थे।

 आपको बता दे, की साल 2000 में उस समय सौरव गांगुली को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था, जब अपने सबसे खराब दौर से भारतीय टीम गुजर रही थी। लेकिन भारतीय टीम दुबारा से सौरव गांगुली की खतरनाक कप्तानी के चलते अपने उसी लय में नजर आई। और विदेशो में किस तरह से जीतते है, भारतीय टीम को बखूबी तरीके से ये बात सौरव गांगुली ने सिखाई। लेकिन भारतीय टीम का कोच आगे जाकर जब ग्रेग चैपल को बनाया गया, तब ना सिर्फ कप्तानी से उन्होंने सौरव गांगुली को हटाया, बल्कि उन्हे टीम से भी ड्रॉप करवा दिया था।
 
लेकिन फिर भी मेरे लिए जो तरीका अपनाया गया था, कम से कम उससे तो बचा जा सकता था। मैं उस टीम का कप्तान था, जिसने बड़े ही दमदार तरीके से जिमवाब्बे में जीत का झंडा लहराया था, और वहां से वापिस आने के बाद ही मुझे कप्तानी से हटा दिया गया। और अब सौरव गांगुली ने बंगाली अखबार संगबाद के साथ बातचीत के दौरान अपनी उस समय की इन्ही बातो के बारे में जिक्र किया। और बताया, की यह मेरे कैरियर का सबसे बड़ा झटका था। और ये पूरे तरीके से अन्याय था, हालाकि मुझे पता है, की आपको हर समय न्याय नहीं मिल सकता। 

क्योंकि पिछले पांच सालों से टीम ने मेरे कप्तानी के चलते इतना अच्छा प्रदर्शन किया था फिर चाहे वह घर हो या घर से बाहर। लेकिन फिर अचानक मुझे टीम से ड्रॉप कर दिया जाता है। मैने भारतीय टीम के तरफ से 2007 में होने वाले वर्ल्ड कप को जीतने का सपना सजाया था। पहले आपको बताया जाता है, की आप एकदिवसीय टीम में नही हो, और फिर आपको टेस्ट टीम एस भी बाहर किया जाता है।क्योंकि हम पिछले बार फाइनल में हार चुके थे। और इसी वजह से मेरे पास सपने देखने के कई वजहें भी थी। 

हमें तो अपनों ने लूटा, टीम से बाहर किये जाने को लेकर बोले गांगुली, कहा ‘सिर्फ ग्रेग चैपल ही नही, बल्कि सबने मिलकर मुझे धोखा दिया’

और इसी वजह से जब टीम के कोच ग्रेग चैपल थे, इस दौरान टीम के ऐसे बहुत से खिलाड़ी सामने आए जिन्होंने टीम के वे दिन सब खराब समय बताया था। सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल के बीच काफी विवाद चल रहे थे। और भारतीय टीम के लिए इतनी बेहतरीन कप्तानी कर रहे सौरव गांगुली को अचानक कप्तानी से हटाया, ये बात किसी के पल्ले नहीं पड़ी। इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि चैपल ने इसे शुरू किया था। उन्होंने कहा था, की मैं अकेले ग्रेग चैपल को दोष नहीं देना चाहता। 

आप कोच हैं, अगर आप मानते हैं कि मुझे एक निश्चित तरीके से खेलना चाहिए तो मुझे आकर बताएं। जब मैं एक खिलाड़ी के रूप में लौटा तो उन्होंने वही चीजें मुझे बताई, फिर पहले क्यों नहीं बताई जा सकती थी। वह अचानक मेरे खिलाफ बोर्ड को एक ईमेल भेजते हैं जो लीक हो जाता है। क्या ऐसा कुछ होता है? एक क्रिकेट टीम एक परिवार की तरह होती है। परिवार में मतभेद, गलतफहमी हो सकती है लेकिन बातचीत से सुलझ जाना चाहिए। और इसी वजह से आज तक हर कोई सौरव गांगुली ने कैरियर के आखिर के खराब दिनो का जिम्मेदार माना जाता है।

एक विदेशी कोच को इतनी हिम्मत नही की भारतीय कप्तानी को अकेले ही टीम से ड्रॉप करवा सके। मुझे मालूम था, की ये सब पूरी रणनीति और व्यवस्था के साथ संभव हुआ है। लेकिन सौरव गांगुली ने इस बात से इंकार कर कहा, की सिर्फ एक कोच इतना सब नही कर सकता। लेकिन इस बीच मुझे किसी बात की कोई चिंता नहीं थी क्योंकि मुझे खुद के ऊपर पूरा विश्वास था। उन्होंने आगे कहा, की दूसरे लोग भी निर्दोष नही है। हर कोई मुझे टीम से बाहर करने और नीचा दिखाने में लगा था। 

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