विराट और धोनी ने नहीं दिया ज्यादा भाव, टीम इंडिया के इन 4 क्रिकेटर्स का करियर हुआ खत्म

विराट और धोनी ने नहीं दिया ज्यादा भाव, टीम इंडिया के इन 4 क्रिकेटर्स का करियर हुआ खत्म

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे कप्तानों ने भारतीय क्रिकेट टीम को ऐतिहासिक क्षण दिए हैं। जब धोनी और कोहली ने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी संभाली थी, तो दोनों के सामने बड़ी चुनौतियां थीं, जैसे युवाओं को अवसर देना और भविष्य के लिए टीम बनाना। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दौरान विराट और धोनी ने कुछ खिलाड़ियों को हमेशा नजरअंदाज किया, जिसके कारण उनके करियर का अंत उम्मीद से अलग हुआ। आइये नजर डालते हैं उन 4 दुर्भाग्यशाली क्रिकेटरों पर:

1. अंबाती रायुडू
भारत के सर्वश्रेष्ठ मध्यक्रम बल्लेबाज अंबाती रायडू टीम इंडिया में नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए प्रबल दावेदार थे। 2019 विश्व कप में इस खिलाड़ी को चयनकर्ताओं ने अचानक टीम से बाहर कर दिया था। इसके बाद अंबाती रायडू ने इस फैसले का विरोध किया और क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। आईसीसी विश्व कप 2019 के दौरान अंबाती रायडू की जगह विजय शंकर को टीम इंडिया में शामिल करते समय मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा था कि विजय शंकर टीम को 3डी विकल्प (बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण) मुहैया कराएंगे। इस बयान के बाद अंबाती रायडू ने चयनकर्ताओं पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, 'मैंने विश्व कप देखने के लिए 3डी चश्मा ऑर्डर किया है।' इसके बाद विजय शंकर और शिखर धवन के चोटिल होने के बावजूद अंबाती रायडू को टीम में मौका नहीं मिला। विराट कोहली ने अंबाती रायडू को भी नजरअंदाज किया।

2. अमित मिश्रा

एक समय था जब अमित मिश्रा का नाम भारतीय क्रिकेट टीम में काफी चर्चा में था। यह लेग स्पिनर बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहा था, लेकिन तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उसे वो मौके नहीं दिए जो अमित मिश्रा को मिलने चाहिए थे। अमित मिश्रा ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए तीनों प्रारूपों में गेंदबाजी की। अमित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। अमित मिश्रा ने 22 टेस्ट मैचों में 76 विकेट लिए। वहीं, अमित मिश्रा ने 2003 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। अमित मिश्रा ने 36 एकदिवसीय मैचों में 4.73 की इकॉनमी रेट से 64 विकेट लिए। अमित मिश्रा ने 10 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 16 विकेट लिए, लेकिन मुद्दा यह है कि यह खिलाड़ी उन दुर्भाग्यशाली खिलाड़ियों की सूची में शामिल रहा, जिन्हें कप्तानों ने पर्याप्त अवसर नहीं दिए। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस खिलाड़ी ने पिछली वनडे सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीता था। अब आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि कप्तान ने उन्हें उस समय टीम से बाहर कर दिया जब वह फॉर्म में थे और आज तक उनका चयन नहीं किया।

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3. मनोज तिवारी

मनोज तिवारी का नाम सुनते ही आपके दिमाग में भोजपुरी स्टार की छवि याद आती होगी, लेकिन इस नाम का एक खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम में भी खेल चुका है। स्टार खिलाड़ी मनोज तिवारी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया में प्रवेश किया। मनोज तिवारी ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। इसके बाद मनोज तिवारी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। मनोज तिवारी 12 एकदिवसीय मैचों में 26.09 की औसत से केवल 287 रन बना सके, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर सिर्फ 104 रन रहा। इसी तरह मनोज तिवारी ने भी 2011 में टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया, लेकिन महज 3 मैचों के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।

4. वरुण आरोन

भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज वरुण आरोन का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर भी बहुत जल्द समाप्त हो गया। वरुण आरोन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है और 66 मैचों में गेंदबाजी करते हुए 173 विकेट लिए हैं। चयनकर्ताओं ने वरुण आरोन को भारतीय क्रिकेट टीम में प्रवेश की अनुमति तो दे दी, लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें पर्याप्त अवसर नहीं दिए। वरुण आरोन ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। वरुण आरोन ने 9 टेस्ट मैचों में 18 विकेट लिए हैं। वरुण आरोन ने 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। वरुण आरोन ने 9 एकदिवसीय मैचों में 11 विकेट लिए हैं। वरुण आरोन को 2015 में भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया गया था और इस खिलाड़ी को दोबारा कभी मौका नहीं मिला।

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