रिटायरमेंट लेने से पहले विराट कोहली के दिमाग में चल रही थी ये बडी सोच, रवि शास्त्री के खुलासे ने दुनिया को चौंकाया

रिटायरमेंट लेने से पहले विराट कोहली के दिमाग में चल रही थी ये बडी सोच, रवि शास्त्री के खुलासे ने दुनिया को चौंकाया

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। टीम इंडिया के अनुभवी खिलाड़ी विराट कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर पूरे क्रिकेट जगत को निराश कर दिया है। विराट ने अपने 14 साल के टेस्ट करियर में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन उनके अचानक संन्यास लेने के फैसले ने सभी को चौंका दिया। इस बीच टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने विराट कोहली के टेस्ट रिटायरमेंट को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है।

रवि शास्त्री ने कहा कि विराट कोहली ने संन्यास की घोषणा करने से पहले उनसे बात की थी। रवि शास्त्री ने हाल ही में आईसीसी समीक्षा में खुलासा किया कि कोहली ने संन्यास की घोषणा करने से पहले उनसे क्या कहा था। कोहली ने शास्त्री से कहा कि उन्होंने टीम को अपना सबकुछ दिया है और अब उन्हें कोई पछतावा नहीं है। अपने संन्यास से एक सप्ताह पहले विराट कोहली ने रवि शास्त्री से बात की।

रवि शास्त्री ने विराट कोहली के संन्यास को लेकर दिया बड़ा बयान

रिटायरमेंट लेने से पहले विराट कोहली के दिमाग में चल रही थी ये बडी सोच, रवि शास्त्री के खुलासे ने दुनिया को चौंकाया
रवि शास्त्री ने कहा कि कोहली का मन पूरी तरह साफ है। कोहली ने साफ तौर पर कहा कि संन्यास के फैसले को लेकर उनके मन में कोई संदेह नहीं है। कोहली का मन उनसे कह रहा था कि अब बहुत हो गया। रवि शास्त्री ने यह भी माना कि विराट से बात करने के बावजूद वह उनके संन्यास के फैसले से हैरान हैं। उन्होंने कहा कि कोहली दो-तीन साल और टेस्ट क्रिकेट खेल सकते हैं, लेकिन जब कोई खिलाड़ी मानसिक रूप से थक जाता है तो उसका शरीर भी जवाब दे देता है। कोई भी खिलाड़ी शारीरिक रूप से कितना भी फिट क्यों न हो, अगर वह मानसिक रूप से थका हुआ है तो वह खेल नहीं सकता।

रवि शास्त्री ने विराट की फैन फॉलोइंग के बारे में बात की
उन्होंने कहा कि कोहली की लोकप्रियता भी उन्हें थका देती है। कोहली को पूरी दुनिया में सम्मान मिला है। पिछले दशक में किसी भी खिलाड़ी को इतने प्रशंसक नहीं मिले। चाहे वह आस्ट्रेलिया हो या दक्षिण अफ्रीका, लोग उनसे मिलने आते थे। लोगों का उनके साथ प्रेम-घृणा का रिश्ता था। लोग उससे नाराज भी थे। जिस तरह से उन्होंने जश्न मनाया उससे पता चला कि उनमें खेलने के प्रति कितना जुनून और उत्साह था।

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