सबसे रोमांचक पारी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास मे, लोगों ने देखी मैदान पर तो  रोंगटे खड़े हो गए थे जैसे

कहानी उस मैच की जब 135 करोड़ भारतीय युवराज को दे रहे थे गालियाँ, युवी के घर पर पत्थरों से किया था हमला
क्रिकेट न्यूज डेस्क, जयपुर।।  कई सारी ऐसी पारियाँ टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में रही हैं जिनको  सबसे रोमांचक टेस्ट क्रिकेट इतिहास मे कहा जा सकता है.एक नहीं बल्कि अनगिनत पारियां इस लिस्ट में  शामिल की जा सकती हैं. एक-एक करके इनके बारे में लिखा जाए तो भी कई साल लग जाएंगे तब भी यह रोमांचक पारियों की लिस्ट पूरी नहीं हो पाएगी। आज हम आपके सामने 2008 के अंदर भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच का जिक्र कर रहे हैं और इस टेस्ट मैच में वीरेंद्र सहवाग की एक ऐसी पारी रही थी कि जिसको देखकर क्रिकेट इतिहासकार और एक्सपोर्ट दोनों हैरान रह गए थे. क्रिकेट स्पोर्ट्स का यही कहना था कि भारतीय क्रिकेट टीम अपने घर में ही इस बार इंग्लैंड से हारती हुई नजर आएगी. कहते हैं कि क्रिकेट का खेल आंकड़ों का खेल होता है और उस दिन टीम इंडिया को आंकड़ों ने हारा हुआ घोषित कर दिया था.

वीरेंद्र सहवाग जैसे तय कर चुके थे कि इस बार टीम इंडिया को यह टेस्ट वह जीताकर ही रहेंगे लेकिन वीरेंद्र सहवाग इसी काम के लिए विख्यात हैं क्योंकि यह जानते थे कि कुछ भी काम ऐसा नहीं होता है जो कि पूरा ना किया जा सके.  वीरेंद्र सहवाग ने इस टेस्ट मैच में 83 रनों की पारी खेली थी लेकिन यह 83 रनों की पारी सचिन तेंदुलकर के शतक और इंग्लैंड के ओपनिंग बल्लेबाज एंड्रयू स्ट्रॉस के दो शतक के ऊपर भी भारी पड़ गई थी. वीरेंद्र सहवाग ने शतक नहीं लगाया था लेकिन इसके बावजूद भी इनको इस पारी के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला था. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किन परिस्थितियों में यह पारी खेली गयी होगी-

# मुंबई हमले के 1 महीने बाद खेला गया था टेस्ट मैच
 इसके बाद जैसे कि क्रिकेट को रोक दिया गया था लेकिन एक महीने बाद 11 दिसंबर 2008 को चेन्नई में भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच शुरू हो पाया था. मुंबई में आतंकवादी हमला हुआ था. इंग्लैंड की टीम के कप्तान केविन पीटरसन थे और इन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. जिस तरीके पिच थी उससे साफ साफ अंदाजा लगाया जा सकता था कि शायद 5 दिन यहां पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं होगा

England cricket team के एंड्रयू स्ट्रॉस ओपनिंग बल्लेबाज भारतीय स्पिनर्स को खेलने के लिए काफी विख्यात थे. पहली पारी में बल्लेबाज ने 123 रन बनाए थे और इंग्लैंड 316 तक पहुंच गया था. भारतीय क्रिकेट टीम इन रनों का पीछा करने पहली पारी आई तो मात्र 241 रन बना पाई थी. महेंद्र सिंह धोनी और हरभजन सिंह के बीच छठे विकेट के लिए 137 रनों की साझेदारी हुई थी.

इंग्लैंड की टीम को 75 रनों की बढ़त प्राप्त हो चुकी थी. निश्चित रूप से यह एक महत्वपूर्ण बढ़त थी. टीम इंडिया इस मैच में पिछड़ती हुई नजर आ रही थी. दूसरी पारी में एक बार फिर से एंड्रयू स्ट्रॉस ने शतक लगा दिया था. पॉल कोलिंगवुड ने भी अच्छी बल्लेबाजी की थी. दोनों ही भारतीय स्पिनर्स के आगे खुलकर बल्लेबाजी कर रहे थे. एंड्रयू स्ट्रॉस जब आउट हुए तो उस समय इंग्लैंड का स्कोर 257 रन था और इंग्लैंड के मात्र 4 विकेट आउट हुए थे. सभी को अंदाजा था कि जैसे अब इंग्लैंड की टीम के कप्तान केविन पीटरसन पारी की घोषणा कर देंगे क्योंकि डेढ़ दिन इंडियन क्रिकेट टीम के लिए यहां पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था लेकिन केविन पीटरसन ने इंतजार किया और चौथे दिन जब 2 घंटे बचे हुए थे उस समय इंग्लैंड का स्कोर 311 रन था तब इंग्लैंड के कप्तान ने पारी की घोषणा कर दी और इस तरीके से भारतीय क्रिकेट टीम को चौथी पारी में 387 रनों का एक विशाल लक्ष्य मिला था.

खेल विशेषज्ञों का मानना था टीम इंडिया मैच हार गई
खेल एक्सपर्ट्स का और आंकड़ों का यही कहना था कि टीम इंडिया यह मैच हार चुकी है. अब पांचवें दिन निश्चित रूप से टीम इंडिया के लिए इतना बड़ा स्कोर बना पाना संभव नहीं हो पाएगा लेकिन वीरेंद्र सहवाग काफी जिद्दी थे और यह कभी भी आसानी से हार नहीं मानते थे. चौथे दिन के आखिरी 25 ओवर टीम इंडिया को बल्लेबाजी करनी थी और वीरेंद्र सहवाग ने जैसे कि मैदान पर आग लगा दी थी. शुरुआत के 10 ओवरों में सहवाग की तूफानी बल्लेबाजी की मदद से टीम इंडिया ने 80 रन बना लिए थे. इस समय वीरेंद्र सहवाग 39 गेंदों में 61 रन बना चुके थे.

भारतीय पारी का 23 वा ओवर चल रहा था. जब वीरेंद्र सहवाग आउट हुए इस समय टीम इंडिया का स्कोर 117 रन था. वीरेंद्र सहवाग ने 68 गेंदों पर 11 चौके और 4 छक्कों की मदद से 83 रनों की शानदार पारी खेली थी.इंग्लैंड की टीम और उनके कप्तान को समझ नहीं आ रहा था कि यह वीरेंद्र सहवाग क्या कर गए हैं? जो मैच टीम इंडिया की पहुंच से काफी दूर था अब वह मैच इंग्लैंड के हाथों से निकलता हुआ नजर आ रहा था. अगले दिन के अखबारों में इंग्लैंड के अंदर केविन पीटरसन की काफी कठोर शब्दों में आलोचना की गई थी.

पांचवें और अंतिम दिन जब टीम इंडिया फिर से बल्लेबाजी करने आई तो सचिन के शतक और युवराज सिंह के अर्धशतक की मदद से टीम इंडिया ने बड़ी आसानी से यह स्कोर प्राप्त कर लिया था जो कि मुश्किल ही नहीं असंभव लग रहा था. सहवाग  की 83 रनों की पारी की बदौलत टीम इंडिया ने मैच जीत लिया था और सहवाग को इस मैच में मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया था जबकि इंग्लैंड के एंड्रयू स्ट्रॉस ने 2 शतक लगाए थे और सचिन तेंदुलकर ने भी नाबाद शतक लगाया था.

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