सौरव गांगुली के बायोपिक में होंगे कई बड़े खुलासे, भारतीय क्रिकेट के काले कारनामे आ सकते है बाहर

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी सौरव गांगुली को दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है। अपनी कप्तानी में गांगुली ने कई खिलाड़ियों को तैयार किया जिन्होंने आगे चलकर देश को गौरवान्वित किया। सौरव गांगुली की कप्तानी में युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ी क्रिकेट की ऊंचाइयों तक पहुंचे। ऐसा माना जाता है कि गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एक अच्छे कप्तान होने के अलावा वह एक बेहतरीन बल्लेबाज भी थे। यही वजह है कि अब उनके क्रिकेट जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी चल रही है और इसमें अभिनेता राजकुमार राव मुख्य भूमिका में नजर आ सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि अगर दादा की जिंदगी पर फिल्म बनती है तो उनसे जुड़े ये 5 बड़े खुलासे हो सकते हैं।
जब सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स में लहराई अपनी शर्ट
सौरव गांगुली के बारे में कहा जाता है कि वह भारतीय कप्तान हैं जिन्होंने टीम इंडिया को विदेश में दहाड़ना सिखाया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 2002 में देखने को मिला जब नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में भारत की इंग्लैंड पर जीत के बाद सौरव गांगुली ने अपनी शर्ट उतारकर हवा में लहरा दी थी। इस घटना के बारे में टीम के तत्कालीन कोच जॉन राइट ने अपनी किताब में लिखा है कि 326 रनों का असंभव लक्ष्य हासिल करने के बाद हरभजन सिंह अपनी शर्ट लहराना चाहते थे, लेकिन राहुल द्रविड़ ने सभी को ऐसा करने से रोक दिया, लेकिन वे सौरव गांगुली को नहीं रोक पाए। ऐसा करने से। ऐसे में अगर गांगुली के जीवन पर कोई फिल्म बनती है तो इस घटना को जरूर फिल्माया जाना चाहिए।
सौरव गांगुली का ग्रेग चैपल से विवाद
ग्रेग चैपल और सौरव गांगुली के बीच विवाद भारतीय क्रिकेट इतिहास के पन्नों में दर्ज है। यह विवाद इतना बड़ा था कि टीम इंडिया दो हिस्सों में बंट गई। दरअसल हुआ यूं कि ग्रेग चैपल 2005 में टीम इंडिया के कोच बने। गांगुली की सिफारिश पर चैपल को कोच बनाया गया था। जैसे ही चैपल टीम के कोच बने, उन्होंने मनमाना व्यवहार करना शुरू कर दिया। उनका रवैया बहुत सख्त था, खासकर वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ। अभ्यास के दौरान उनकी वरिष्ठ खिलाड़ियों से बहस हो जाती है। सचिन ने अपनी किताब में भी इसका जिक्र किया है। इस दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि चैपल के आदेश पर सौरव गांगुली को कप्तानी से हटा दिया गया। उनकी जगह राहुल द्रविड़ को कप्तानी सौंपी गई। गांगुली को टीम से बाहर किये जाने के बाद मामला और बिगड़ गया।
गांगुली का राहुल द्रविड़ के साथ विवाद हुआ था।
राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली टीम इंडिया के दो खास दोस्त थे। एक समय गांगुली, द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर की चौकड़ी बहुत मशहूर हो गई थी, लेकिन ग्रेग चैपल के आने के बाद इसमें दरार आ गई। गांगुली शुरू से ही गायक थे। ऐसे में जब चैपल मनमाना व्यवहार कर रहे थे तो गांगुली ने द्रविड़ से नाराजगी जताई कि कप्तान होने के बावजूद वह कुछ नहीं बोल रहे हैं। इससे दोनों के बीच कुछ मतभेद पैदा हो गये।
गांगुली का रवि शास्त्री से हुआ था विवाद
यह घटना 2016 की है जब सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के साथ कोच चुनने वाली समिति के सदस्य थे। रवि शास्त्री ने टीम इंडिया के कोच पद के लिए इंटरव्यू दिया। शास्त्री उस समय बैंकॉक में थे और उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना साक्षात्कार दिया। इस साक्षात्कार के दौरान सौरव गांगुली भी मौजूद नहीं थे। ऐसे में बाद में शास्त्री ने कहा था कि गांगुली ने इंटरव्यू के दौरान मौजूद न रहकर उनका अपमान किया है। गांगुली ने भी इसका जवाब देते हुए कहा कि उन्हें साक्षात्कार के लिए बैंकॉक में नहीं, बल्कि भारत में होना चाहिए था। इस बयान के बाद उनके रिश्तों में कड़वाहट साफ नजर आने लगी थी।
स्टीव के साथ टॉस को लेकर बहस हो गई।
सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट का सबसे निडर कप्तान भी कहा जाता है। यही कारण है कि उन्होंने विदेशी दौरों पर भी विरोधी टीम पर अपना दबदबा कायम रखा। ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान एक बार कुछ ऐसा ही हुआ था जब गांगुली को टॉस के लिए स्टीव वॉ का इंतजार करना पड़ा था। स्टीव वॉ ने इस घटना के बारे में अपनी किताब में लिखा है कि गांगुली उन्हें परेशान करने के लिए ऐसा करते थे। स्टीव वॉ ने बताया कि गांगुली उस सीरीज में कुल 7 बार टॉस के लिए देर से पहुंचे थे। गांगुली से जुड़ा यह किस्सा आज भी काफी प्रचलित है।