सऊदी अरब 500 मिलियन डॉलर की लीग के साथ आईपीएल को चैलेंज देने को तैयार, जानें क्या हैं खास बातें और चुनौतियां

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है कि सऊदी अरब 4300 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक बड़ी और अनोखी क्रिकेट लीग शुरू करने की योजना बना रहा है। क्रिकेट विशेषज्ञों ने इसे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए चुनौती बताया, जो इस समय दुनिया की सबसे बड़ी लीग है। सऊदी अरब के इस फैसले को बीसीसीआई पर हमला करने के तौर पर भी देखा जा रहा है। लेकिन भारतीय बोर्ड के कुछ कहने से पहले ही इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने अपना विरोध व्यक्त कर दिया था। ईसीबी के सीईओ रिचर्ड गोल्ड ने कहा है कि इंग्लिश बोर्ड किसी भी परिस्थिति में इसका समर्थन नहीं करेगा।
ईसीबी ने यह निर्णय क्यों लिया?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईसीबी अपनी टी20 लीग 'द हंड्रेड' को बचाना चाहता है। इसने हाल ही में कुछ फ्रेंचाइजी में अपनी हिस्सेदारी निजी निवेशकों को भी बेची है। इसीलिए उन्होंने यह निर्णय लिया है। हालांकि, सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईसीबी ने टीम के व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर, खिलाड़ियों के कार्यभार की चिंता और दुनिया भर में मौजूदा फ्रेंचाइजी-आधारित लीगों का हवाला दिया।
ईसीबी ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर पहले से ही काफी व्यस्त है।' साथ ही, खिलाड़ियों के कार्यभार और दुनिया भर में हो रही फ्रेंचाइजी लीगों को लेकर चिंताओं के बीच, ऐसी लीग की कोई गुंजाइश या मांग नहीं है। इसलिए यह ऐसी बात नहीं है जिसका हम समर्थन करेंगे।
फिलहाल केवल ईसीबी ने ही समर्थन देने से इनकार कर दिया है। लेकिन आईसीसी से अनुमति प्राप्त करने में बीसीसीआई और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। लेकिन बीसीसीआई पहले से ही आईपीएल का आयोजन करता है जबकि सीए बीबीएल (बिग बैश लीग) का आयोजन करता है। ऐसी स्थिति में उनके सहयोग की उम्मीद कम ही है। यदि ऐसा हुआ तो सऊदी अरब की योजनाएं बर्बाद हो सकती हैं।
सऊदी अरब की योजना क्या है?
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब एसआरजे स्पोर्ट्स इन्वेस्टमेंट की मदद से 500 मिलियन डॉलर (करीब 4300 करोड़ रुपये) खर्च कर एक नई क्रिकेट लीग बनाने की योजना बना रहा है, जिसकी प्लानिंग करीब 1 साल से चल रही है। इस लीग में 8 टीमें भाग लेंगी। इसकी खास बात यह है कि टेनिस के ग्रैंड स्लैम की तरह सभी टीमें पूरे साल अलग-अलग देशों में खेलेंगी।
इसके बाद ग्रैंड फ़ाइनल सऊदी अरब में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट एसोसिएशन की मदद ली जा रही है। इसके जरिए सऊदी अरब भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे प्रमुख क्रिकेट खेलने वाले देशों के अलावा अन्य देशों को भी आर्थिक रूप से मजबूत करना चाहता है। फिलहाल वह लीग शुरू करने के लिए आईसीसी से अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।