राजनीति पड़ी भारी इन 10 खिलाडियों के टेलेंट पर, रोहित-कोहली से बड़े खिलाड़ी बनते अगर मौके मिलते

राजनीति पड़ी भारी इन 10 खिलाडियों के टेलेंट पर, रोहित-कोहली से बड़े खिलाड़ी बनते अगर मौके मिलते

भारतीय जर्सी पहनने वाले क्रिकेटरों में भी ऐसे बहुत कम क्रिकेटर हैं जो भारत के लिए लगातार खेल पाते हैं. मगर लोग ये भूल जाते है कि, 1 अरब 35 करोड़ वाले इस देश में बहुत कम ही लोग वहां तक पहुंच पाते है. यहाँ हर दूसरा बच्चा क्रिकेटर बनना चाहता है भारत में लोगों के अंदर क्रिकेट का इतना क्रेज है. साथ ही  हम आपको कुछ ऐसे ही भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताएंगे, जो भारत के लिए सिर्फ 4-5 टेस्ट मैच खेलने के बाद ही खो गये.

सुब्रमणयम बद्रीनाथ

दो टेस्ट मैच में सुब्रमणयम बद्रीनाथ ने एक अर्धशतक के साथ कुल 63 रन बनाए हैं. इसके साथ ही इस खिलाडी ने टीम के लिए 7 वनडे मैच भी खेले हैं. सुब्रमण्यम बद्रीनाथ एक असाधारण प्रतिभाशाली क्रिकेटर, तकनीकी रूप से कुशल और कॉम्पैक्ट बल्लेबाज थे.  बद्रीनाथ को अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी ज्यादा मौके नहीं दिए गए.

जयंत यादव

 जयंत ने 4 मैचों में 45.60 की औसत से 228 रन बनाकर अपनी गेंदबाजी से टीम के लिए 11 विकेट अपने नाम किये हैं. आज वह टीम से बाहर है. जयंत यादव आज अपने घर में बैठे सोचते होंगे कि उनकी क्या गलती थी. क्योंकि जब जयंत यादव को भारतीय टीम में मौका मिला तो उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था.

अभिमन्यु मिथुन

इसमें उन्होंने 120 रन बनाने के साथ ही 9 विकेट भी लिए थे. वर्ष 2009-10 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ Indian Team में चुने गए अभिमन्यु मिथुन को टीम के लिए सिर्फ चार ही टेस्ट मैच खेलने का मौका दिया गया था.

स्टुअर्ट बिन्नी

 इसमें उन्होंने 194 रन बनाये और 3 विकेट लिए है. 95 प्रथम श्रेणी मैचों में 4796 रन बनाने और 148 विकेट अपने नाम करने वाले बिन्नी आज घर बैठे है एक आलराउंडर खिलाड़ी के तौर पर टीम में आने वाले इस खिलाडी को सिर्फ 6 ही टेस्ट मैच खेलने का मौका मिल सका है.

अभिनव मुकुंद

भारतीय टेस्ट टीम को देखकर ऐसा लगता है कि अब वह कभी वापसी नहीं कर पाएंगे अभिनव मुकुंद भी भारतीय टीम के लिए सिर्फ 7 टेस्ट मैच ही खेल पाये हैं. इसमें उन्होंने 2 अर्धशतक लगाए हैं.

जयदेव उनादकट

घरेलू मैचों में उनका शानदार प्रदर्शन है. बावजूद इसके उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिए गए.जयदेव उनादकट भी भारतीय टीम के लिए 1 टेस्ट के साथ ही 7 वनडे और 10 टी20 मैचों में शिरकत कर चुके है.

आर विनय कुमार

 विनय कुमार ने अपने प्रथम श्रेणी मैचों में कुल 504 विकेट लिए हैं. आर विनय कुमार को लम्बी रेस का घोड़ा माना जा रहा था लेकिन वह भी भारतीय टीम के लिए सिर्फ एक टेस्ट मैच खेलने के बाद फिर कभी नहीं खेल पाये.

अमित मिश्रा

उन्होंने 2008-09 में डेब्यू किया था और 12 साल के लम्बे करियर में सिर्फ 22 टेस्ट मैच ही खेल पाए. इसमें उन्होंने 75 विकेट लिए है.
देश के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर अमित मिश्रा का हाल तो सबसे बुरा है.
कर्ण शर्मा

इस मैच में अपनी गुगली गेंदबाजी से उन्होंने एडिलेड की पिच पर ऑस्ट्रेलिया के चार विकेट झटके थे. एक मैच के बाद कर्ण शर्मा को दोबारा मौका नहीं दिया गया. आईपीएल से इंडियन टीम में जगह बनाने वाले इस खिलाड़ी को भारतीय टेस्ट टीम की जर्सी मिली थी. कर्ण शर्मा का भी टेस्ट करियर सिर्फ एक मैच में थम गया.

वरुण आरोन

 इन 9 मैचों में उन्होंने 4.77 की इकॉनमी के साथ 18 विकेट लिए हैं. मगर बाद में इन्हे नज़रअंदाज़ किया गया. वरुण आरोन भी भारतीय टीम के लिए मात्र 9 टेस्ट मैच ही खेल पाए हैं.

पंकज सिंह

घरेलू मैचों में इस खिलाडी ने मात्र 117 मैचों में ही 472 विकेट अपने नाम किए हैं. आज यह भी गुमनाम है पंकज सिंह नाम का ये मध्यम गति का तेज गेंदबाज इंडियन टीम के लिए 2 टेस्ट मैच खेल चुका है.

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