ऊबड़-खाबड़ पिच पर खिलाड़ियों को लग सकती है चोट, द्रविड़-रहाणे कानपुर की पिच को देखकर हुए नाराज
भारतीय टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे और कोच राहुल द्रविड़ सोमवार को कानपुर में बायो बबल का घेरा तोड़कर ग्रीन पार्क स्टेडियम पहुंचे थे। दोनों शाम करीब 4.30 बजे वहां पहुंचे। दैनिक भास्कर के अनुसार, उन्होंने मैदान और Pitch का बारीकी से निरीक्षण किया। क्यूरेटर एल. प्रशांत राव से मुलाकात कर Pitch के नेचर के बारे में भी बात की। वह नए ड्रेसिंग रूम में करीब 15 मिनट तक रुके। कोच ने अभ्यास पिचों का निरीक्षण कर उसमें सुधार करने को भी कहा। वह अभ्यास पिचों के स्तर से थोड़ा नाखुश थे।
मंगलवार को सुबह 9:40 बजे कीवी टीम स्टेडियम पहुंची,जहां रनिंग और स्ट्रेचिंग करने के बाद नेट्स पर गई। कीवी कोच गैरी स्टीड प्रैक्टिस पिचों का निरीक्षण करने पहुंचे। Pitch की हालत को देखकर किवी कोच नाराज नजर आए। उन्होंने विकेट पर गेंद उछाल कर देखा और स्टंप की पोजीशन को देखकर नाराजगी जाहिर की।
दोनों टीमों की नाराजगी देखने के बाद पिच क्यूरेट ने प्रैक्टिस मैचों की पिच को सुधारना शुरु किया। अभ्यास के लिए बनाई गईं पिचें उबड़-खाबड़ थीं और इनसे खिलाड़ियों के घायल होने का खतरा था। ग्रीन पार्क के क्यूरेटर शिवकुमार और BCCI के न्यूट्रल पिच क्यूरेटर एल प्रशांत राव से पिच को लेकर शिकायत की गई थी।
शिवकुमार ने ही सारी पिचें तैयार की थीं। प्रशांत राव 14 नवंबर को कानपुर आ चुके थे, लेकिन उन्होंने प्रैक्टिस पिचों की तरफ ध्यान नहीं दिया। दोनों क्यूरेटर सिर्फ मुख्य विकेट पर ही फोकस कर उसे लेवल करने में लगे रहे।
कानपुर के ग्रीन पार्क में खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच में कोरोना संबंधी नियमों को सख्ती से लागू किया गया है। मगर भास्कर की खबर के मुताबिक टीम इंडिया के कप्तान और कोच बायोबबल के दिशानिर्देशों को किनारे करके कानपुर के ग्रीन पार्क पहुंचे थे। जबकि, BCCI के नियमों के मुताबिक किसी भी खिलाड़ी को ऐसा करने के निर्देश नहीं है।
मुंबई में लगे कैंप में अभ्यास के बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे पहले से ही कानपुर पहुंच चुके थे. जबकि कोच राहुल द्रविड़ सोमवार को कानपुर पहुंचे। दोनों ने होटल से सीधा पिच का जायजा करने का फैसला किया था।