'पापा हमें देख रहे होंगे', Hardik Pandya बोलते-बोलते हुए भावुक, 8 साल बाद पुरा हुआ ये सपना

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। भारतीय टीम ने फाइनल मैच में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर अपना तीसरा चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीता। इस जीत के बाद स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या अपने दिवंगत पिता को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता के पीछे उनके पिता का आशीर्वाद है। आपको बता दें कि हार्दिक ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के मैच में बल्ले और गेंद दोनों से अहम योगदान दिया था। उन्होंने टूर्नामेंट में 4 पारियों में 99 रन बनाए और 4 विकेट लिए।
पिता को याद कर भावुक हुए हार्दिक पांड्या
दरअसल, भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए हार्दिक भावुक नजर आए। "हमारे (क्रुणाल और मेरे) लिए, जहाँ हम हैं, यह एक सपने जैसा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि यह ऐसा होगा। मुझे लगता है कि हम केवल भगवान का शुक्रिया अदा कर सकते हैं और कड़ी मेहनत करते रह सकते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं। हम भाग्यशाली हैं कि हमारे माता-पिता ने कहा कि तुम अपना लक्ष्य हासिल करो और हम यहाँ हैं। भले ही हमारे पिता हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है कि वह हमें देख रहे हैं, वह हमें उन चीज़ों के लिए आशीर्वाद दे रहे हैं जो हमें मिल रही हैं।"
इसके साथ ही हार्दिक ने कहा कि 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ 336 रनों का पीछा करते हुए उन्होंने 76 रनों की पारी खेली थी, लेकिन इसके बाद भारत खिताब जीतने से चूक गया था, लेकिन आज 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद उन्होंने कहा कि उनके लिए यह अधूरे सपने के पूरा होने जैसा है।
उन्होंने कहा कि ये आठ साल बहुत लम्बे रहे हैं। बहुत कुछ घटित हुआ है। इसके अलावा, भारत की जीत मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है। यदि ऐसा हुआ तो सब कुछ ठीक है। मैं आशा करता हूं कि घर पर सभी लोग खुश होंगे और जश्न मना रहे होंगे।
आपको बता दें कि पिछला साल हार्दिक पांड्या के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। उन्हें भारत की टी20आई और वनडे कप्तानी से हटा दिया गया और आईपीएल 2025 के लिए मुंबई इंडियंस ने उन्हें कप्तान बनाए रखा। इस बारे में हार्दिक ने कहा कि यह साल मेरे लिए सीखने और चुनौतियों से भरा रहा। मेरी मानसिकता ने मुझे कभी चुनौतियों से भागना नहीं सिखाया। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि यदि चुनौती कठिन है तो उसका जवाब भी मजबूत होना चाहिए। यदि आप स्वयं पर भरोसा नहीं करते तो दूसरे आप पर कैसे भरोसा करेंगे?