पाई-पाई को तरसा पाकिस्तान, चैंपियंस ट्रॉफी करवाने को दुनियाभर से मांग रहा कर्ज, अब इस चीज को बेचने पर मजबूर

पाई-पाई को तरसा पाकिस्तान, चैंपियंस ट्रॉफी करवाने को दुनियाभर से मांग रहा कर्ज, अब इस चीज को बेचने पर मजबूर

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। पाकिस्तान अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करने वाला है। पीसीबी इस आईसीसी टूर्नामेंट के आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है. इसी वजह से बोर्ड पैसे जुटाने में लगा हुआ है. बोर्ड की आर्थिक स्थिति किसी से छुपी नहीं है. इसी वजह से पीसीबी अलग-अलग तरीकों से पैसे जुटाने की कोशिश कर रहा है.

पीसीबी ने ऐतिहासिक स्टेडियम का नाम बेचने का फैसला किया है. इस स्टेडियम का नाम गद्दाफी स्टेडियम है. पाकिस्तान क्रिकेट में गद्दाफी स्टेडियम का अपना ही महत्व है. बोर्ड ने इस स्टेडियम का नाम एक निजी बैंक को 5 साल के लिए बेच दिया है. यह डील 1 अरब पाकिस्तानी रुपये (करीब 31 करोड़ रुपये) में हुई है। पीसीबी ने अभी तक इस सौदे के बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालाँकि, यह स्पष्ट हो गया है कि कराची के नेशनल स्टेडियम की तरह गद्दाफ़ी स्टेडियम का नाम भी बैंक के नाम पर रखा जाएगा।

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जानिए लाहौर में स्टेडियम के नाम के पीछे की कहानी

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यह डील एक अरब पाकिस्तानी रुपये में हुई है. वहीं, कराची स्टेडियम के नामकरण अधिकार 450 मिलियन डॉलर में बेचे गए। 1974 में लाहौर के स्टेडियम का नाम लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी के नाम पर रखा गया था। पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व कप्तान रमिज़ राजा ने स्टेडियमों के नामकरण अधिकार बेचने की परंपरा शुरू की। कराची स्टेडियम का सौदा रमिज़ राजा के कार्यकाल में हुआ था। इसी कारण से कराची के प्रसिद्ध नेशनल स्टेडियम का नाम अब नेशनल बैंक क्रिकेट एरेना है।

पीसीबी देश के तीन प्रमुख स्टेडियमों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए इन स्टेडियमों के नामकरण अधिकार बेच रहा है। वहीं, बीसीसीआई की ओर से इस बात पर कोई बयान नहीं आया है कि भारत चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान का दौरा करेगा या नहीं।

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