तन पर मुंडू, माथे पर तिलक... पूजा-पाठ में मगन वीरेंद्र सहवाग, केरल के इस खास मंदिर में किए दर्शन
क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। गेंदबाजों के लिए कल का दूसरा नाम कहे जाने वाले वीरेंद्र सहवाग क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कई भूमिकाओं में नजर आए। कभी वह टीवी पर कमेंट्री करते नजर आए तो कभी उन्होंने कोचिंग में हाथ आजमाया। अपने मस्तमौला अंदाज और चुलबुले रवैये के लिए मशहूर वीरू का पहली बार कोई खास अंदाज देखने को मिला है। 'नजफगढ़ के नवाब' के नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग अब धार्मिक हो गए हैं।
मंदिर में विशेष पूजा
वीरेंद्र सहवाग हाल ही में केरल की यात्रा पर थे। पलक्कड़ मध्य केरल में स्थित एक छोटा पहाड़ी शहर है। अपनी खूबसूरत घाटियों और ट्रैकिंग मार्गों के लिए प्रसिद्ध पलक्कड़ में एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर भी है। पलक्कड़ जिले के कविलपाड़ा में पुलिक्कल विश्व नागयक्षी मंदिर का दौरा किया। उन्होंने मंदिर यात्रा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं।
सिर और माथे पर कुमकुम
इस दौरान वीरू पारंपरिक परिधान में नजर आए। उन्होंने पगड़ी पहनी और माथे पर कुमकुम लगाया। मंदिर में भारतीय खिलाड़ी के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया गया। मंदिर की परिक्रमा करने के बाद उन्होंने मानवेन्द्र वर्मा योगतिरिपाद से प्रसाद ग्रहण किया। सहवाग ने कहा कि वह मैचों के अलावा कभी केरल नहीं गए और यहां का दृश्य बेहद खूबसूरत है। सहवाग के लिए यह एक शानदार अनुभव था।
20 साल बाद केरल आया हूं
सहवाग 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ और 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैचों के लिए कोच्चि आये थे। इस दौरान भारतीय दिग्गज खिलाड़ी ने मीडिया से भी बातचीत की। प्रशंसकों के साथ तस्वीरें क्लिक कराईं। यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि पलक्कड़ अपने ग्रामीण परिवेश और विशाल चावल के खेतों के कारण केरल के बाकी हिस्सों से अलग है। पलक्कड़ का पहाड़ी परिदृश्य देखने लायक है। केरल के चावल उत्पादन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण पलक्कड़ को 'केरल का चावल का कटोरा' भी कहा जाता है।