
क्रिकेट न्यूज डेस्क।। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 2021 एमिरेट्स टी-10 लीग के दौरान भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने के लिए भारतीय टीम के आठ खिलाड़ियों, अधिकारियों और कई मालिकों के खिलाफ विभिन्न आरोप लगाए हैं। दो भारतीय सह-मालिक पराग सांघवी और कृष्ण कुमार हैं। दोनों पुणे डेविल्स टीम के सह-मालिक हैं और उस सीज़न के उनके खिलाड़ियों में से एक, बांग्लादेश के पूर्व टेस्ट बल्लेबाज नासिर हुसैन पर भी लीग के भ्रष्टाचार-विरोधी कोड का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने वाले तीसरे भारतीय अज्ञात बल्लेबाजी कोच सनी ढिल्लों हैं।
आईसीसी ने कहा, "ये आरोप 2021 अबू धाबी टी-10 क्रिकेट लीग और उस टूर्नामेंट के मैचों को भ्रष्ट करने के प्रयासों से संबंधित हैं - इन प्रयासों को विफल कर दिया गया।" आईसीसी को इस टूर्नामेंट के लिए ईसीबी द्वारा नामित भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी (डीएसीओ) के रूप में नियुक्त किया गया है और इस प्रकार ये आरोप ईसीबी की ओर से जारी किए गए हैं। सांघवी पर मैच के नतीजों और अन्य पहलुओं पर सट्टेबाजी करने और जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करने का आरोप है। कृष्ण कुमार पर डीएसीओ से बातें छिपाने का आरोप है जबकि ढिल्लन पर मैच फिक्स करने की कोशिश करने का आरोप है। बांग्लादेश के लिए 19 टेस्ट और 65 वनडे खेल चुके नासिर पर DACO को 750 डॉलर से अधिक के उपहारों के बारे में जानकारी नहीं देने का आरोप है।
जिन अन्य लोगों को निलंबित किया गया है उनमें बल्लेबाजी कोच अज़हर जैदी, यूएई के घरेलू खिलाड़ी रिजवान जावेद और सालिया समन और टीम मैनेजर शादाब अहमद शामिल हैं। तीन भारतीयों सहित छह लोगों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है और सभी के पास आरोपों का जवाब देने के लिए मंगलवार से 19 दिन का समय होगा। टूर्नामेंट आयोजकों ने बाद में एक विज्ञप्ति जारी कर इस मामले पर निराशा व्यक्त की और अगले सीज़न में अधिक सतर्क रुख अपनाने का वादा किया।