भारतीय चयनकर्ता तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग टीम के पक्ष में नहीं, वर्कलोड मैनेजमेंट के लिए गेंदबाज हो सकते हैं रोटेट

IND vs NZ 2nd T20I विवादों में रांची में होने वाला भारत-न्यूजीलैंड का दूसरा टी20, मैच के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट

क्रिकेट न्यूज डेस्क, जयपुर।।   खिलाड़ियों की थकान की शिकायतों के बावजूद टीम इंडिया  के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग टीमों के विचार को खारिज कर दिया है। हालांकि, बीसीसीआई  और चयनकर्ता  अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग-अलग गेंदबाजों को खिलाने पर विचार कर रहे हैं। क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप (टी20 फॉर्मेट) के लिए युवा तेज गेंदबाजों पर ध्यान दिया जाएगा तो वहीं टेस्ट के लिए अनुभवी गेंदबाजों की यूनिट को खिलाया जाएगा। वनडे में युवा और अनुभवी दोनों खिलाड़ियों के मिश्रण पर विचार होगा। दूसरी ओर, कोच राहुल द्रविड़ इस विचार के खिलाफ हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी तीनों फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।
 
बीसीसीआई  सोर्स ने 2024 तक हर साल एक वर्ल्डकप का आयोजन होना है। तीनों वर्ल्डकप हमारे लिए महत्वूर्ण हैं, और प्राथमिकता बने हुए हैं। खिलाड़ियों को अब बेहतर करने के लिए खुद को संतुलित करना होगा। चाहे तेज गेंदबाजों की बात हो स्पिन गेंदबाजों की, अब हमारे पास गेंबाजी में गहराई है। हमें लगता है कि वर्कलोड को संतुलित करने के लिए टी20, वनडे और टेस्ट गेंदबाजों को चुनना महत्वपूर्ण है। बुधवार को मैच से पहले राहुल द्रविड़  ने इस तरह के विचार की बातों को पूर्ण रूप से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग टीमें किए जाने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि उन्होंने माना था कि थकान को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों को रोटेट और उन्हें आराम दिया जाएगा।

टी20 वर्ल्डकप 2021 में टीम इंडिया का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा था। टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी। टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन ने BCCI और सेलेक्टर्स को खिलाड़ियों के वर्कलोड को लेकर सोचने पर मजबूर किया। बल्लेबाजों से ज्यादा सेलेक्टर्स के सामने गेंदबाजों के वर्कलोड को संभालने की चुनौती है।

टी20 वर्ल्डकप में खेलने गए अधिकतर भारतीय खिलाड़ी पिछले 6 महीनों से सीरीज खेल रहे थे। आईपीएल का पहला चरण, फिर इंग्लैंड दौरा और आईपीएल खेलने के बाद प्लेयर्स टी20 वर्ल्डकप में शामिल हुए थे। अधिक खेलने के साथ खिलाड़ी लम्बे समय तक बायो बबल में थे।

जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी से जिस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद थी, वैसा उन्होंने शुरूआती और महत्वपूर्ण मुकाबले में प्रदर्शन नहीं किया था। लेकिन इन दोनों ही गेंदबाजों को लेकर राहुल द्रविड़ मानते हैं कि ये तीनों फॉर्मेट में अच्छा कर सकते हैं। चयनकर्ता  अलग अलग फॉर्मेट के लिए अलग अलग टीम चुनने पर विचार नहीं कर रहे, लेकिन वह गेंदबाजों के वर्कलोड को मैनेज करने के लिए अलग अलग गेंदबाजों को चुनने पर विचार कर रहे हैं। वैसे सिर्फ राहुल द्रविड़ ही नहीं बल्कि टीम के कई खिलाड़ी भी इस विचार के पक्ष में नहीं है। कई खिलाड़ी मानते हैं कि अगर वह टी20 टीम से बाहर रहेंगे तो आईपीएल टीम भी उनमे दिलचस्पी नहीं दिखाएगी। आईपीएल खिलाड़ियों की मोटी कमाई का एक जरिया है।

सोर्स ने बताया कि खिलाड़ियों की चिंता जायज है, लेकिन जसप्रीत बुमराह और शमी को टी20 से बाहर नहीं रखा जा सकता। दीपक चाहर और शार्दुल ठाकुर को भी तीनों फॉर्मेट में रखने पर विचार किया जा रहा है[। इनको टीम से अलग नहीं किया जा सकता, लेकिन हमें इसका समाधान भी ढूंढना होगा। तो हम इसी को लेकर विचार करेंगे कि गेंदबाजों को अलग अलग फॉर्मेट के लिए चुना जाए, लेकिन अन्य फॉर्मेट के लिए भी उनके दरवाजे खुले रखे जाएं।

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