भारत को मिला नया 'धोनी', विकेटकीपर ने 18 की उम्र में इंग्लैंड में ठोका ताबड़तोड़ शतक, छक्के-चौकों की जमकर हुई बारिस  

v

कनाडा में एक ठंडी सुबह, जब घड़ी में 3 बजे थे, दमनदीप सिंह का मोबाइल बजने लगा। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि यह फोन कॉल उनके जीवन के सबसे खुशहाल पल का संकेत होगा। जब उन्होंने मोबाइल उठाया, तो उनके बेटे हरवंश सिंह पंगालिया के भारत की U-19 क्रिकेट टीम में चयन की खबर आई। इंग्लैंड के आगामी दौरे के लिए उनके बेटे का चयन होने पर उन्हें बधाई संदेशों की बाढ़ मिल गई थी।

दमनदीप, जो अब कनाडा के ब्राम्पटन में ट्रक चलाते हैं, ने बताया कि वह 15-16 घंटे ट्रक चलाने के बाद इतना थक जाते हैं कि उनका मोबाइल वाइब्रेट होने पर भी नींद से नहीं जागते। लेकिन उस सुबह यह वाइब्रेशन उनके लिए एक खास संदेश लेकर आई थी।

हरवंश, जो गुजरात के कच्छ जिले के गांधीधाम के छोटे से शहर से हैं, एक विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर खेलते हैं। उन्होंने हमेशा अपने पिता और चाचा को क्रिकेट खेलते हुए देखा और उनका सपना था कि वह भी भारत के लिए खेलें। लेकिन इस रास्ते में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

हरवंश के पिता दमनदीप ने अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए कनाडा में बसने का फैसला लिया था, लेकिन इसके कारण उन्हें अपने परिवार से दूर रहकर कठिन जीवन जीना पड़ा। हरवंश को यह फैसला बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था, क्योंकि उनका सपना था कि वह भारत के लिए क्रिकेट खेलें, और इसके लिए उन्होंने भारत में ही अपने करियर को बनाना चाहा।

लेकिन अब, हरवंश का सपना सच हो रहा है। भारत की U-19 टीम में उनका चयन न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी गर्व का पल है। दमनदीप के लिए, यह पल उनके संघर्ष और बलिदान का फल है, क्योंकि वह जानते थे कि अपने परिवार को बेहतर भविष्य देने के लिए दूर रहकर भी इस कठिन जीवन को जीना पड़ेगा।

Post a Comment

Tags

From around the web