IND Vs AUS: हैट्रिक का ख्वाब टूटा..., टीम इंडिया को ये 5 गलतियां ले डूबी, सालों तक चुभेगी ये शर्मनाक हार
क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हाथ से निकल गई। कंगारू लैंड पर लगातार तीसरी बार जीत का परचम लहराने का सपना, सपना ही रह गया। सिडनी में बल्लेबाजों ने एक बार फिर शर्मनाक स्थिति पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में टीम इंडिया चौथी पारी में 161 रनों के लक्ष्य का बचाव करने में विफल रही। ऑस्ट्रेलिया ने केवल 4 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। यह सीरीज भारतीय टीम के सामने कई बड़े सवाल छोड़ गई है। आइए आपको बताते हैं कि किन पांच गलतियों की वजह से रोहित की सेना को ऑस्ट्रेलियाई धरती पर शर्मसार होना पड़ा।
1. ख़राब टीम चयन
बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला के लिए चुनी गई भारतीय टीम ने अनुभव के बजाय युवाओं पर भरोसा जताया, जो पूरी तरह से टीम के लिए उल्टा साबित हुआ। पुजारा-रहाणे जैसे बल्लेबाजों की अनदेखी चयनकर्ताओं के लिए महंगी साबित हुई। वहीं, गेंदबाजी विभाग में हर्षित राणा और आकाशदीप जैसे युवा गेंदबाजों को आजमाना टीम के लिए काफी मुश्किल था। बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी तक हर विभाग में अनुभव की कमी थी, जिसने भारतीय टीम की नैया डुबो दी।
2. बल्लेबाजों की नाक कट गई
अगर टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलियाई धरती पर हैट्रिक बनाने का सपना अधूरा रह गया तो इसके सबसे बड़े दोषी टीम के बल्लेबाज रहे। रोहित शर्मा, विराट कोहली, शुभमन गिल, केएल राहुल जैसे धाकड़ बल्लेबाज उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके। इस दौरे पर प्रशंसकों के साथ-साथ टीम प्रबंधन को भी विराट से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन विराट ने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों के आगे पूरी तरह से समर्पण कर दिया। ऋषभ पंत ने कुछ दमदार पारियां खेलीं, लेकिन वह हर बार अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके।
3. साधारण कप्तान
उनके नेतृत्व में जसप्रीत बुमराह ने टीम को पर्थ में शानदार जीत दिलाई। हालांकि इसके बाद अगले तीन टेस्ट मैचों में रोहित शर्मा की कप्तानी बेहद साधारण नजर आई। कप्तान रोहित टीम संयोजन, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण जैसे हर क्षेत्र में बुरी तरह फ्लॉप रहे। बल्ले से रन न बनने का दबाव उनकी कप्तानी में भी स्पष्ट दिखाई दिया।
4. बुमराह अकेले रह गए।
जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पूरी श्रृंखला में गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें दूसरे छोर पर अन्य गेंदबाजों से सहयोग नहीं मिला। भारतीय टीम के गेंदबाजी आक्रमण की पोल तब खुल गई जब बुमराह सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में गेंदबाजी करने नहीं आए। जस्सी ने श्रृंखला में कुल 32 विकेट लिए। लेकिन मोहम्मद सिराज, आकाशदीप, रवींद्र जडेजा गेंद से कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए। बुमराह पूरी सीरीज में अकेले ही संघर्ष करते नजर आए।
5. टीम संयोजन फिट नहीं हो सका.
भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला के प्रत्येक मैच में लगभग अलग संयोजन के साथ मैदान में उतरी। टीम प्रबंधन स्वयं बल्लेबाजी क्रम को लेकर पूरी तरह असमंजस में दिखाई दिया। केएल राहुल की बल्लेबाजी स्थिति के साथ छेड़छाड़ की गई, जबकि चौथे टेस्ट में शुभमन गिल को भी टीम से बाहर कर दिया गया। मेलबर्न में दो स्पिनरों के साथ उतरने का फैसला पूरी तरह से गलत साबित हुआ। वहीं, टीम प्रबंधन ने सिडनी टेस्ट में छह विकेट लेने वाले प्रसिद्ध कृष्णा को शुरुआती मैचों में आजमाना भी जरूरी नहीं समझा।