क्या सच में Virat Kohli और Rohit Sharma के बीच चीजें ठीक नहीं है ? अगर हाँ तो आईये जानते है कि कैसे हो सकती है ख़त्म

Virat Kohli vs Rohit Sharma के बीच लडाई हो सकती है इन 5 तरीकों से खत्म

क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  बीते कुछ समय से विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच अदावत की खबरें बहुत आम हो गई हैं. लेकिन, यह चरम पर पहुंच चुकी हैंअब लग रहा है. दरअसल, अपनी चोट की वजह से टीम इंडिया के वनडे और टी20 टीम के कप्तान रोहित शर्मा दक्षिण अफ्रीका के दौरे से बाहर हो गए हैं. माना जा रहा है कि रोहित शर्मा दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर टेस्ट सीरीज चोट के चलते नहीं खेल पाएंगे. विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका दौरे की वनडे सीरीज से इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि अपना नाम वापस ले लिया है. वनडे सीरीज से नाम वापस लेने की विराट कोहली के वजह बताई जा रही है कि 11 जनवरी को उनकी बेटी वामिका का बर्थडे है. और, टीम इंडिया तीसरा टेस्ट इस दौरान खेल रही होगी. बेटी के बर्थडे को सेलिब्रेट करने के लिए जिसके बाद विराट कोहली को समय चाहिए.

आसान शब्दों में कहा जाए, तो रोहित शर्मा और विराट कोहली के 'अहंकार यानी ईगो' की वजह से टीम इंडिया का भविष्य धुंधला नजर आ रहा है. क्योंकि, दुनियाभर की क्रिकेट टीम अब टीम इंडिया के खिलाफ उसके दो बेहतरीन खिलाड़ियों के बिना ही खेलेंगी. टीम इंडिया के दो बड़े खिलाड़ियों की बीच नजर आ रहे टकराव को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर इस झगड़े को जल्द ही खत्म नहीं किया गया, तो वर्ल्ड क्रिकेट में भारत के दबदबे के दिन अब बहुत जल्दी ही लदने वाले हैं. और, यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि इन दोनों खिलाड़ियों के बीच का झगड़ा कैसे खत्म किया जा सकता है?

1. सौरव गांगुली दोनों को बुलवाएं: इस पूरे घटनाक्रम को देखा जाए, तो बीसीसीआई और विराट कोहली के बीच कम्युनिकेशन गैप साफ नजर आता है. इस स्थिति से निपटने के लिए बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली को विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों को बुलाकर उनके सामने इस फैसले को लेकर बातचीत के जरिये हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए. बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली को लेकर कहा जा रहा है कि बीसीसीआई की ओर से उन्होंने एकतरफा फैसला सुनाते हुए विराट कोहली को हटाकर रोहित शर्मा को वनडे का कप्तान घोषित कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स में बीसीसीआई के इस फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं.  आसान शब्दों में कहा जाए, तो बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली को खुद इनिशिएटिव लेते हुए दोनों के बीच अदावत को कम करने की कोशिश करनी चाहिए. विराट कोहली का दक्षिण अफ्रीका दौरे की वनडे सीरीज से नाम वापस लेना इस मामले में 'आग में घी' का काम करने वाला है.

2. रोहित को टेस्‍ट, विराट को वनडे से रिटायर कर दें: वहीं, विराट कोहली भी अपनी छुट्टियों को लेकर सुर्खियां बटोरते रहे हैं. इन तमाम स्थितियों को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका के दौरे से पहले रोहित शर्मा के चोटिल होने और विराट कोहली के वनडे से नाम वापस लेने के बाद जो हालात बने हैं, इन हालातों में बीसीसीआई को सीधे तौर पर कड़ा फैसला लेते हुए दोनों ही खिलाड़ियों को रिटायरमेंट का प्लान अपनाने की सलाह दे देनी चाहिए. रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच अगर बातचीत से मामला नहीं सुलझ पाता है, तो बीसीसीआई को कड़ा फैसला लेना होगा. रोहित शर्मा बीते कुछ सालों में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी क्रिकेट टीमों के सामने सीरीज से पहले चोटिल हो चुके हैं. क्योंकि, दोनों के बीच इसे लेकर आगे भी विवाद होता ही रहेगा. इस अदावत को खत्म करने का इससे बढ़िया तरीका शायद ही कुछ और होगा. अगर रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच अदावत खत्म नहीं होती है, तो रोहित को टेस्‍ट और विराट को वनडे से रिटायर कर देना चाहिए. 

Virat Kohli vs Rohit Sharma के बीच लडाई हो सकती है इन 5 तरीकों से खत्म

3. छुट्टी और फिटनेस को लेकर कड़े करें नियम: अपवाद हालातों को छोड़ दिया जाए, तो खराब फिटनेस और छुट्टी पर जाने की मांग दक्षिण अफ्रीका सरीखे बड़े दौरों पर सामने नहीं आनी चाहिए. प्रैक्टिस करते हुए चोटिल हो जाना खराब फिटनेस का ही एक उदाहरण है. वहीं, बड़े दौरों पर छुट्टियों की मांग कहीं से भी जायज नहीं कही जा सकती है. टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेलने का मतलब बहुत स्पष्ट है कि टीम में खेलते हुए खिलाड़ी भारत देश का रिप्रजेंट करता है. बड़े खिलाड़ियों को आराम देने के लिए कमजोर टीमों के खिलाफ होने वाली सीरीज का इंतजार करना चाहिए. वहीं, फिटनेस को लेकर भी बीसीसीआई को अपने नियम कड़े करने होंगे. फिटनेस को बनाए रखने के लिए बीसीसीआई की ओर से महत्वपूर्ण दौरों की जगह आईपीएल और चैंपियन्स लीग से छुट्टी लेने का नियम तय कर देना चाहिए. किसी भी अन्य देश के दौरे से पहले टीम इंडिया के खिलाड़ियों का चोटिल हो जाना (खराब फिटनेस) या छुट्टी की मांग करना किसी भी हाल में सही नहीं कहा जा सकता है. बीसीसीआई को छुट्टी और फिटनेस को लेकर नियम कड़े करने की जरूरत है. 

4. मैच फीस में कटौती: बीसीसीआई को आईपीएल की तरह ही हर ग्रेड के खिलाड़ी के लिए नियम तय कर देना चाहिए कि एक निश्चित संख्या के मैच खेलने पर ही खिलाड़ी को उसकी मैच फीस मिलेगी. अगर ऐसा नहीं होता है, तो खिलाड़ी को मैच फीस से हाथ धोना पड़ेगा. अगर ऐसा होता है, तो खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू पर भी असर पड़ेगा, जो उन्हें भारत के लिए एक टीम के तौर पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर करेगा. बीसीसीआई हर साल टीम इंडिया के खिलाड़ियों को अलग-अलग ग्रेड में बांटकर उनकी सैलरी तय करती है. टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ियों को ग्रेड 'ए' में रखा जाता है. अन्य खिलाड़ियों को भी उनके पिछले प्रदर्शन और टीम में उनकी भूमिका को देखते हुए अलग-अलग ग्रेड में रखा जाता है. 

5. नए खिलाड़ियों को मौका: आसान शब्दों में कहा जाए, तो राहुल द्रविड़ एनसीए में क्रिकेट की नई प्रतिभाओं को संवार रहे थे, तो उन्हें इन दोनों खिलाड़ियों के सब्सटीट्यूट खोजने में बहुत ज्यादा समय नहीं लगेगा. क्रमश: 35 और 34 साल के होने जा रहे रोहित शर्मा और विराट कोहली के लिए अपने बीच का झगड़ा खत्म करने का इससे बड़ा संदेश और कुछ नहीं हो सकता है.  क्योंकि, राहुल द्रविड़ इससे पहले राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में नए खिलाड़ियों को कोचिंग देकर तैयार कर रहे थे. भारत में क्रिकेट प्रतिभाओं की कमी नहीं है. अगर रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच चल रही अदावत का अंत नहीं होता है, तो बीसीसीआई को इन दोनों ही खिलाड़ियों को कुछ समय के लिए आराम करने के लिए भेज देना चाहिए. हो सकता है कि नये खिलाड़ियों को मौका देने के इस प्रयोग की वजह से कुछ समय के लिए टीम इंडिया का परफॉर्मेंस पर असर पड़ेगा. लेकिन, राहुल द्रविड़ जैसे कोच के होने से टीम इंडिया इस संकट से उबरने में बहुत ज्यादा समय नहीं लेगी.

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