युवाओं के लिए डेब्यू को बनाया यादगार, Rahul Dravid ने बदला Ravi Shastri युग के नियम को,  जानिए पूरा मामला

युवाओं के लिए डेब्यू को बनाया यादगार, Rahul Dravid ने बदला Ravi Shastri युग के नियम को,  जानिए पूरा मामला

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। एक क्रिकेटर की लाइफ में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने से बड़ी चीज शायद ही कुछ हो। मैच से पहले मिलने वाला डेब्यू कैप आपको हमेशा उस यादगार पल की याद दिलाता है। सचिन से लेकर स्टीव वॉ जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी अपने डेब्यू मैच को याद करके अभी भी शायद इमोशनल हो जाते होंगे। भारत के वर्तमान मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने इसको और यादगार बनाने की कोशिश की है।
 
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने गुरुवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में श्रेयस अय्यर को भारत की ‘टेस्ट कैप’ सौंपी। इस तरह से मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों से नये खिलाड़ियों को यह प्रतिष्ठित कैप (टोपी) दिलाने की पुरानी परंपरा फिर से जीवंत कर दी और युवा खिलाड़ियों के लिए डेब्यू मैच को यादगार बना दिया है। श्रेयस अय्यर भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले 303वें खिलाड़ी बने। न्यूजीलैंड के खिलाफ टॉस से पहले अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज गावस्कर ने उन्हें कैप प्रदान की। द्रविड़ ने गावस्कर को इस विशेष कार्यक्रम के लिये आमंत्रित किया था।

इससे पहले टी20 सीरीज के दौरान द्रविड़ ने हर्षल पटेल को राष्ट्रीय टीम की कैप प्रदान करने के लिये सीमित ओवरों के सबसे सफल भारतीय गेंदबाजों में से एक अजित अगरकर को आमंत्रित किया था। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों से राष्ट्रीय कैप हासिल करने की परंपरा रही है। टीम इंडिया में भी भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों से नये खिलाड़ियों को प्रतिष्ठित कैप (टोपी) दिलाने की पुरानी परंपरा है। लेकिन पिछले कुछ समय से कप्तान या कोई सीनियर खिलाड़ी या सहयोगी स्टॉफ का सदस्य ही पदार्पण करने वाले खिलाड़ी को कैप सौंपता था।

युवाओं के लिए डेब्यू को बनाया यादगार, Rahul Dravid ने बदला Ravi Shastri युग के नियम को,  जानिए पूरा मामला

राहुल द्रविड़ के कोच बनते ही एक बार फिर दिग्गजों के हाथों भारतीय कैप देने की परंपरा शुरू हुई। अनिल कुंबले की देखरेख में केवल चार खिलाड़ियों ने ही डेब्यू किया होगा। लेकिन उन्होंने इसे यादगार बनाने की कोशिश की। जयंत यादव और करुण नायर को क्रमशः रवि शास्त्री और सुनील गावस्कर से अपनी पहली कैप मिली थी।

पुरानी परिपाटी पर राहुल द्रविड़ 
इसके साथ ही भारतीय टीम में फिर से उस प्रथा की शुरुआत हो गई है जिसमें पूर्व खिलाड़ी द्वारा डेब्यू कैप सौंपी जाती है। टीम इंडिया के नए हेड कोच राहुल द्रविड़ ने आज के मुकाबले में फिर से इस प्रथा की शुरुआत की। वैसे इस प्रथा की शुरुआत पूर्व भारतीय खिलाड़ी अनिल कुंबले ने अपने कार्यकाल में की थी। फिर पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री के कार्यकाल में यह फीकी पड़ गई। शास्त्री-विराट के युग मे स्क्वाड में शामिल खिलाड़यों द्वारा डेब्यू कैप सौंपने का कल्चर शुरू हुआ। वहीं अब राहुल द्रविड़ फिर से पुरानी परिपाटी पर चल पड़े हैं।

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