CT 2025 Final: पाकिस्तान के मुंह पर पडा करारा तमाचा, ICC से PCB को नहीं मिलने वाली कोई राहत, साफ कर दी वजह

चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। यह विवाद भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए फाइनल मैच के बाद ट्रॉफी प्रस्तुति समारोह में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के किसी प्रतिनिधि की अनुपस्थिति को लेकर चल रहा है। इस संबंध में पीसीबी ने अंतरराष्ट्रीय परिषद से औपचारिक स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन अब उसे यहां भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आईसीसी ने उसे कोई जवाब नहीं भेजने का फैसला किया है। आईसीसी ने इस मामले में पहले ही अनौपचारिक रूप से कारण बता दिए थे लेकिन पीसीबी उस जवाब से संतुष्ट नहीं था।
फाइनल मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच रविवार, 9 मार्च को खेला गया। मैच के बाद जब प्रेजेंटेशन का समय आया तो आईसीसी अध्यक्ष जय शाह, बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी, बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया और न्यूजीलैंड क्रिकेट के सीईओ रोजर टोव्स पोडियम पर मौजूद थे। लेकिन टूर्नामेंट के मेजबान पाकिस्तान की ओर से कोई भी खिलाड़ी वहां नहीं था, जिससे सभी को आश्चर्य हुआ।
आईसीसी ने बताई वजह
इस मुद्दे पर पीसीबी ने कहा था कि उसके अध्यक्ष मोहसिन नकवी को इसमें भाग लेना था लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण वह इसमें शामिल नहीं हो सके। हालांकि, पीसीबी इस बात से नाराज था कि उसके मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) और चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट निदेशक सुमैर अहमद को वहां मौजूद होने के बावजूद क्यों नहीं बुलाया गया। पीसीबी ने इस संबंध में आईसीसी से स्पष्टीकरण मांगा, जिसके बाद आईसीसी ने भी नकवी के बयान को दोहराया और कहा कि सीओओ को बुलाना प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं है।
पीसीबी ने की शिकायत, आईसीसी ने नहीं दिया कोई जवाब
मंगलवार, 11 मार्च को पीसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि बोर्ड ने इस संबंध में आईसीसी के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है क्योंकि यह उन्हें अस्वीकार्य है। लेकिन पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार आईसीसी सूत्रों ने कहा है कि पीसीबी को इस पर कोई औपचारिक स्पष्टीकरण नहीं मिलेगा। सूत्रों ने बताया कि आईसीसी के सीईओ जेफ एलार्डिस भी मंच पर मौजूद नहीं थे और इसका कारण प्रोटोकॉल है, जिसमें आईसीसी चेयरमैन, मेजबान बोर्ड के चेयरमैन, सचिव या सीईओ और फाइनल खेलने वाली टीमों के बोर्ड अधिकारियों की मौजूदगी शामिल है।
चैंपियंस ट्रॉफी पीसीबी के लिए एक बुरा सपना थी
टूर्नामेंट के अंत के बाद पैदा हुआ यह विवाद पाकिस्तान के लिए उतना ही बुरा रहा जितना चैंपियंस ट्रॉफी का अंत शुरू से ही बुरा था। लगभग 29 वर्षों के बाद किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहे पाकिस्तान को पहली बार हाइब्रिड मॉडल पर टूर्नामेंट का आयोजन करना पड़ा। इसके बाद टीम पहले ही दौर में बाहर हो गई और लाहौर के अपने मुख्य स्टेडियम में कोई भी मैच नहीं खेल सकी। इसके बाद टीम इंडिया के फाइनल में पहुंचने के कारण फाइनल पाकिस्तान में नहीं खेला जा सका।