'आ जाओ खेल ही लो' योगराज सिंह ने दिया पाकिस्तान के चैलेंज का करारा जवाब, कहा - फिर करवा लो बेइज्जती

'आ जाओ खेल ही लो' योगराज सिंह ने दिया पाकिस्तान के चैलेंज का करारा जवाब, कहा - फिर करवा लो बेइज्जती

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। पाकिस्तान अपने यहां आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया की खिताबी जीत से खुश नहीं है। और, यह बात अब कई महान क्रिकेटरों के शब्दों में भी दिखाई देती है। पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने तो भारतीय टीम को आईसीसी की पसंदीदा टीम बताकर उसे चुनौती भी दे डाली। युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने पाकिस्तान के सकलैन मुश्ताक की चुनौती का करारा जवाब दिया है। इतना ही नहीं, योगराज सिंह ने सकलैन की चुनौती स्वीकार करते हुए पाकिस्तान के साथ होने वाले मुकाबले का स्थान भी तय कर दिया है।

पाकिस्तान की खुली चुनौती, योगराज ने दिया करारा जवाब
अब आप सोच रहे होंगे कि सकलैन मुश्ताक ने पाकिस्तान से क्या चुनौती दी? योगराज सिंह ने खुद एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया। उन्होंने कहा कि वह कहीं पढ़ रहे थे कि सकलैन ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 10 टेस्ट और 10 वनडे मैचों का आयोजन किया जाना चाहिए, तब पता चलेगा कि कौन किस पद पर है?

योगराज सिंह ने आगे कहा कि अगर ऐसा है तो मैच जरूर होना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस मामले पर गौर करने की अपील की और कहा कि उनका तवा थोड़ा गर्म है और वे इसे ठंडा कर देंगे। योगराज सिंह ने कहा कि चलो मैच किसी तीसरे देश में आयोजित करते हैं। उन्होंने दुबई का भी नाम लिया। उन्होंने कहा कि चलो दुबई में मैच खेलते हैं, फिर देखेंगे कि कौन कहां रहता है।

इससे पहले योगराज सिंह ने चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तानी टीम के प्रदर्शन की भी कड़ी निंदा की थी। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान का कोच बनने की इच्छा जताई और कहा कि वह एक साल में उस टीम को बदल सकते हैं। बहरहाल, योगराज सिंह ने न सिर्फ पाकिस्तान के सकलैन मुश्ताक की चुनौती का जवाब दिया, बल्कि रोहित-विराट के रिटायरमेंट प्लान पर उनका बयान भी चर्चा में है।

रोहित और विराट के रिटायरमेंट पर क्या बोले योगराज सिंह?
सबसे पहले योगराज सिंह ने रोहित शर्मा के उस बयान की तारीफ की जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अभी संन्यास नहीं ले रहे हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि कोई भी यह नहीं कह सकता कि रोहित और विराट को संन्यास ले लेना चाहिए, उनकी राय में दोनों को 2027 विश्व कप जीतने के बाद ही संन्यास लेने पर विचार करना चाहिए।

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