बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड में फिर आया भूचाल, अचानक हुआ तख्तापलट, अध्यक्ष को किया जलील, फिर बेइज्जत करके निकाला

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड में फिर आया भूचाल, अचानक हुआ तख्तापलट, अध्यक्ष को किया जलील, फिर बेइज्जत करके निकाला

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। राष्ट्रीय खेल परिषद (एनएससी) ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया। इसने फारूक अहमद को बीसीबी के निदेशक मंडल में उनके प्रतिनिधि पद से हटा दिया। इसका मतलब है कि अब वह बीसीबी के अध्यक्ष नहीं हैं। पिछले साल नजमुल हसन के इस्तीफे के बाद एनएससी ने उन्हें पार्षद चुना था। नजमुल हसन का इस्तीफा छात्र आंदोलन के बाद आया था। बीसीबी के आठ निदेशकों ने फारूक अहमद को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए मतदान किया। इसके तुरंत बाद एनएससी ने यह घोषणा की।

एनएससी ने एक बयान में कहा- बीसीबी के आठ निदेशकों द्वारा फारूक अहमद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भेजा गया था। बीपीएल पर तथ्य-खोजी समिति की रिपोर्ट भी आई। इन सबको ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय खेल परिषद (खेल मंत्रालय) ने फारूक अहमद का नामांकन रद्द कर दिया है। एनएससी ने 29 मई को बीसीबी के सीईओ को एक पत्र लिखा। पत्र में एनएससी अधिनियम की धारा 13.2 (बी) (4) का हवाला दिया गया। इसके तहत फारूक अहमद को हटाने का फैसला लिया गया।

पत्र में साफ किया गया है कि फारूक अहमद को हटाया जा रहा है। वे 9 महीने 8 दिन तक अध्यक्ष पद पर बने रहे। इससे पहले जब सरकार ने उनसे पद छोड़ने को कहा था, तब फारूक अहमद ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। फारूक अहमद को बीसीबी के नौ निदेशकों ने अध्यक्ष चुना था। वे खेल मंत्रालय के कोटे से बीसीबी बोर्ड में नामित दो निदेशकों में से एक थे। उन्हें पिछले साल 21 अगस्त को निदेशक नियुक्त किया गया था। खबर है कि पूर्व राष्ट्रीय कप्तान अमीनुल इस्लाम फारूक अहमद की जगह बीसीबी के अध्यक्ष बन सकते हैं।

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड में फिर आया भूचाल, अचानक हुआ तख्तापलट, अध्यक्ष को किया जलील, फिर बेइज्जत करके निकाला

सरल शब्दों में कहें तो एनएससी ने फारूक अहमद को बीसीबी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। इसकी वजह आठ निदेशकों का अविश्वास प्रस्ताव और बीपीएल पर रिपोर्ट है। एनएससी ने अपने अधिनियम के तहत यह कार्रवाई की है। फारूक अहमद 9 महीने से कुछ अधिक समय तक अध्यक्ष रहे। उन्होंने सरकार के अनुरोध पर भी इस्तीफा नहीं दिया। अब अमीनुल इस्लाम के बीसीबी के अध्यक्ष बनने की संभावना है। एनएससी का कहना है कि फारूक अहमद को हटाने का फैसला बीसीबी निदेशकों के अविश्वास प्रस्ताव और बीपीएल की जांच रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है।

एनएससी अधिनियम की धारा 13.2(बी)(4) के अनुसार वे किसी भी प्रतिनिधि को हटा सकते हैं। फारूक अहमद को खेल मंत्रालय ने नामित किया था। फारूक अहमद को हटाए जाने की खबर पहले से ही चल रही थी। अब एनएससी के पत्र ने यह साफ कर दिया है। फारूक अहमद ने पहले कहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। लेकिन अब उन्हें पद से हटा दिया गया है। अब देखना यह है कि अमीनुल इस्लाम बीसीबी के अध्यक्ष बनते हैं या नहीं। और अगर बनते हैं तो बीसीबी के लिए क्या बदलाव लाते हैं।

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