ऑस्ट्रेलिया को... क्या भारत और पाकिस्तान के बीच खेली जाएगी द्विपक्षीय सीरीज, राजीव शुक्ला ने लाहौर से दिया बड़ा अपडेट

ऑस्ट्रेलिया को... क्या भारत और पाकिस्तान के बीच खेली जाएगी द्विपक्षीय सीरीज, राजीव शुक्ला ने लाहौर से दिया बड़ा अपडेट

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।।  बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला पाकिस्तान के लाहौर में थे। उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी का सेमीफाइनल देखने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा आमंत्रित किया गया था। इस दौरे पर प्रेस से बात करते हुए शुक्ला ने कहा कि भारत-पाकिस्तान क्रिकेट की बहाली पूरी तरह से भारत सरकार के फैसले पर निर्भर करती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय टीम सिर्फ अच्छी पिचों पर ही अच्छा नहीं खेलती, बल्कि हर तरह की पिचों पर अपनी ताकत दिखाती है। शुक्ला ने एशिया कप के कार्यक्रम पर भी चर्चा की और कहा कि मौजूदा स्थिति ऐसी ही रहेगी। इस बीच, लाहौर में फाइनल के सवाल पर उन्होंने एक ही वाक्य में पाकिस्तानी पत्रकार को जवाब दे दिया।

राजीव शुक्ला ने पाकिस्तानी मीडिया से बात करते हुए साफ तौर पर कहा कि दोनों देशों के बीच क्रिकेट की बहाली भारत सरकार के फैसले पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा- जहां तक ​​आप दोनों देशों के बीच क्रिकेट के बारे में पूछ रहे हैं तो यह स्पष्ट है कि यह भारत सरकार का फैसला है। भारत सरकार जो भी कहेगी, हम उसके अनुसार कार्य करेंगे। यह बयान पुष्टि करता है कि बीसीसीआई सरकार के निर्देशों का पालन करेगा।

शुक्ला ने पाकिस्तान के आतिथ्य की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा- पाकिस्तान लंबे समय के बाद कोई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित कर रहा है और यह अच्छी बात है। उसने इसकी योजना अच्छी तरह बनाई है। हालांकि शुक्ला ने स्वीकार किया कि दोनों देशों के प्रशंसक द्विपक्षीय क्रिकेट को फिर से शुरू करना चाहते हैं, लेकिन वे तटस्थ स्थल पर खेलने के विचार से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा- यह सही है कि दोनों देशों के प्रशंसक चाहते हैं कि टीमें खेलें, लेकिन बीसीसीआई की नीति रही है और पीसीबी की भी ऐसी ही नीति रहेगी कि द्विपक्षीय मैच एक दूसरे की धरती पर ही हो सकते हैं, किसी तीसरे या तटस्थ स्थल पर नहीं।

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शुक्ला ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि भारतीय टीम को केवल एक ही स्थान पर खेलने से फायदा होता है। उन्होंने कहा- जब आईसीसी स्तर पर यह फैसला लिया गया था, तब यह तय किया गया था कि भारत केंद्रित मैच दुबई में होंगे और बाकी मैच पाकिस्तान में होंगे, इसलिए यह उचित या अनुचित का सवाल नहीं है। इससे आईसीसी का निर्णय स्पष्ट हो जाता है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया को मंगलवार को जीतना चाहिए था। लेकिन चूंकि वे हार गए, इसलिए फाइनल दुबई में खेला जाएगा।

363 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी रही। लेकिन इसके बाद जब मध्यक्रम से रनों की जरूरत थी तो हेनरिक क्लासेन पूरी तरह फ्लॉप रहे। इस मैच में क्लासेन सिर्फ 3 रन बनाकर मिशेल सेंटनर की गेंद पर आउट हो गए। इसके कारण दक्षिण अफ्रीकी टीम लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकी।

जब स्कोर बोर्ड पर 363 रन हों तो टीम के सलामी बल्लेबाजों को तेज शुरुआत देनी होगी। लेकिन दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान टेम्बा बावुमा ने 71 गेंदों पर केवल 56 रन बनाए। 78 की स्ट्राइक रेट से खेली गई यह पारी बड़े लक्ष्य के लिए काफी धीमी थी। जिसके कारण अफ्रीकी टीम पर रन रेट का दबाव बढ़ता गया और अंत तक उन पर दबाव बना रहा।

इस मैच में दक्षिण अफ्रीका की हार में मार्को जेनसन भी बड़े खलनायक रहे। जैनसेन को आमतौर पर अफ्रीकी टीम के लिए विकेट लेने के लिए जाना जाता है। लेकिन इस मैच में उन्होंने 10 ओवरों में 79 रन दे दिये। करीब 8 की रन रेट से रन देने वाले जेन्सन इस मैच में बुरी तरह हार गए। जबकि इस मैच में जेनसन को 2 विकेट मिले.

दक्षिण अफ्रीका के स्टार तेज गेंदबाज कागिसो रबाडा न्यूजीलैंड के खिलाफ पूरी तरह विफल रहे। इस मैच में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। कागिसो रबाडा ने 10 ओवर में 70 रन दिये। रबाडा से बड़े मैच में अच्छी गेंदबाजी की उम्मीद थी, लेकिन वह पूरी तरह विफल रहे।

दक्षिण अफ्रीका के मध्यक्रम के मुख्य आधार माने जाने वाले खतरनाक बल्लेबाज एडम मार्करम का भी सेमीफाइनल मैच में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। मार्करम ने इस मैच में अच्छी शुरुआत की और 29 गेंदों पर 31 रन बनाए। लेकिन वह इस पारी को बड़ी पारी में बदलने में असफल रहे। जिसके कारण अफ्रीकी टीम लक्ष्य से काफी पीछे रह गई।

एशिया कप के कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा- आप जानते हैं कि स्थिति जैसी है, इसलिए यह उसी के अनुसार होगा। मैं एशिया कप के लिए भी यहां आया हूं। रोजर बिन्नी भी वहां थे और जय शाह भी पूरा सहयोग दे रहे हैं। इससे एशिया कप की स्थिति स्पष्ट हो जाती है।

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