AUS vs IND: हमारे साथ ही क्यों होता है... यशस्वी जायसवाल के साथ नाइंसाफी? हार के बाद छलका रोहित शर्मा का दर्द

AUS vs IND: हमारे साथ ही क्यों होता है... यशस्वी जायसवाल के साथ नाइंसाफी? हार के बाद छलका रोहित शर्मा का दर्द

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट के पांचवें दिन यशस्वी जायसवाल के विवादास्पद आउट होने को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। जायसवाल का विकेट भारतीय बल्लेबाजी आक्रमण के ताबूत में अंतिम कील साबित हुआ और ऑस्ट्रेलिया ने 184 रनों से जीत हासिल कर पांच टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 1-1 से बराबर कर ली।

रोहित शर्मा ने क्या कहा?
मैच के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा पत्रकारों के सवालों का जवाब देने आए। यहां उन्होंने थर्ड अंपायर के विवादित फैसले पर बात करते हुए कहा कि ऐसे फैसले हमेशा भारतीय खेमे के खिलाफ जाते हैं। रोहित शर्मा ने कहा, 'देखिए, मुझे नहीं पता कि इसका क्या मतलब है, क्योंकि तकनीक कुछ भी नहीं दिखाती है। अक्सर, हम ही ऐसे अंतरंग मामलों में पीड़ित होते हैं। नंगी आंखों से देखने पर ऐसा प्रतीत होता था कि कोई किनारा नहीं लगाया गया था। जैसा कि मैंने कहा, हमें इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। मुझे लगता है कि हम थोड़े बदकिस्मत हैं।

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पूरा मामला क्या है?
दरअसल, मैच के पांचवें और अंतिम दिन सोमवार को जब भारत ने सात विकेट गंवा दिए थे, तब जायसवाल ने पैट कमिंस की एक शॉर्ट गेंद पर हुक शॉट लगाने की कोशिश की। अम्पायर ने कड़ी अपील को खारिज कर दिया। बाद में डीआरएस में तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर के फैसले को पलट दिया और नॉट आउट को आउट में बदल दिया। हालांकि, रिप्ले में कहीं भी इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं था कि गेंद यशस्वी जायसवाल के दस्तानों या बल्ले के बाहरी किनारे को छूकर गई थी।

बुमराह के कार्यभार पर भी बात की
रोहित ने माना कि उनके मुख्य गेंदबाज जसप्रीत बुमराह जरूरत से ज्यादा गेंदबाजी कर रहे थे। बुमराह ने अब तक चार टेस्ट मैचों में कुल 141.2 ओवर गेंदबाजी की है और इस दौरान 30 विकेट लिए हैं। रोहित ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो बुमराह ने काफी गेंदबाजी की है। इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन हर टेस्ट मैच में आप गेंदबाजों के कार्यभार प्रबंधन से अवगत होते हैं। एक समय ऐसा आता है जब आपको थोड़ा पीछे हटना पड़ता है और गेंदबाज को थोड़ी अतिरिक्त छूट देनी पड़ती है। मैंने बुमराह से बात की कि वह कैसा महसूस कर रहे हैं।

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