टीम इंडिया में भले ही भरे है एक से एक स्टार, फिर भी विराट और रोहित हैं पुरे स्क्वाड पर भारी

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क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  ये बहुत दिलचस्प कहानी है. जिसमें हम सिर्फ भारतीय टीम के बल्लेबाजों की बात कर रहे हैं. इस बातचीत के केंद्र में रोहित शर्मा और विराट कोहली हैं. जो वाकई अपने करियर के ढलान पर हैं. दोनों अभी 2-3 साल तक वनडे क्रिकेट खेलेंगे. इससे यह भी तय होगा कि इस साल वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का सफर कहां तक ​​जाएगा. दोनों लंबे समय से टी20 फॉर्मेट से दूर हैं. टी20 में इन दोनों का भविष्य अभी भी अस्पष्ट है. हार्दिक पंड्या को टी20 की कमान सौंपी गई है, लेकिन ताजपोशी अभी बाकी है. फिर भी 36 साल के रोहित शर्मा और 35 साल के विराट कोहली ही भारतीय टीम के लिए जीत की स्क्रिप्ट लिखते हैं. अगर भारतीय टीम मैच जीत रही है तो इन दोनों बल्लेबाजों में से एक को जरूर चलना होगा. यानी इन दोनों बल्लेबाजों में से कम से कम एक को अर्धशतक तो लगाना ही होगा. अब हम बात कर रहे हैं वनडे फॉर्मेट की. इसे साबित करने के लिए याद कीजिए इस साल भारतीय टीम द्वारा जीते गए वनडे मैचों की संख्या. इस साल भारतीय टीम ने 12 वनडे मैच जीते हैं. इसमें वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज के वो दो मैच भी शामिल हैं जिनमें रोहित शर्मा और विराट कोहली नहीं खेले थे. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी एक मैच था जिसमें रोहित शर्मा नहीं खेल रहे थे. अगर इन तीन मैचों को हटा दिया जाए तो भारतीय टीम ने इन दोनों खिलाड़ियों के रहते हुए कुल 9 वनडे मैच जीते हैं। इनमें से 8 मैच टीम इंडिया ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के योगदान से जीते हैं.

जीत में रोहित-विराट का योगदान

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आइए चरण दर चरण शुरू करें। इस साल भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच से शुरुआत की. ये वो मैच हैं जब भारतीय टीम ने जीत हासिल की थी. 10 जनवरी को खेले गए साल के पहले वनडे में रोहित शर्मा ने 83 रन और विराट कोहली ने 113 रन बनाए. अगला मैच एक अपवाद है. जिसमें रोहित शर्मा ने सिर्फ 17 रन और विराट ने सिर्फ 4 रन बनाए लेकिन भारत जीत गया. इस सीरीज का आखिरी मैच 15 जनवरी को खेला गया था. भारत की जीत में रोहित शर्मा के 42 रन और विराट कोहली के 166 रन शामिल रहे. इसके बाद अगली सीरीज न्यूजीलैंड थी. न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच में भी भारतीय टीम ने रोहित शर्मा और विराट कोहली के योगदान के बिना ही जीत हासिल की थी. लेकिन 21 जनवरी को न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के दूसरे मैच में रोहित शर्मा ने 51 रन बनाए. विराट कोहली सिर्फ 11 रन ही बना सके. इस सीरीज के आखिरी मैच में रोहित शर्मा ने 101 रन और विराट कोहली ने 36 रन बनाए. अब आप एशिया कप के मैच भी देख सकते हैं. रोहित ने नेपाल के खिलाफ 74 रन बनाए. विराट को बैटिंग करने की जरूरत नहीं पड़ी. इसके बाद रोहित शर्मा के 56 रन और विराट के 122 रन की बदौलत पाकिस्तान के खिलाफ 228 रन से बड़ी जीत हासिल की. भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ छोटा स्कोर बनाया लेकिन यह मत भूलिए कि जीत में रोहित शर्मा ने भी 53 रन बनाए.


सितारों से सजी है टीम इंडिया लेकिन...
अब सिक्के का दूसरा पहलू देखिए. मौजूदा भारतीय टीम में शुबमन गिल हैं. आईसीसी की ताजा रैंकिंग में वह दुनिया के नंबर दो बल्लेबाज हैं। इस साल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप से पहले उनका प्रदर्शन चमत्कार जैसा था. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के बाद वह थोड़ा पटरी से उतर गए थे लेकिन उन्होंने अपनी लय हासिल कर ली है। टीम में केएल राहुल हैं, जिन्होंने लगभग 6 महीने बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की और वापसी पर पाकिस्तान के खिलाफ विस्फोटक शतक बनाया। इस टीम में ईशान किशन जैसे बल्लेबाज हैं जिनकी आक्रामकता की चर्चा विश्व क्रिकेट में होती है. सूर्यकुमार यादव को 360 डिग्री बल्लेबाज कहा जाता है। श्रेयस अय्यर की गिनती महान बल्लेबाजों में होती है. हालांकि, रोहित शर्मा और विराट कोहली की चमक अलग है. यह बात इस बात से भी साबित होती है कि आईसीसी रैंकिंग में अगर शुभमन गिल के बाद टॉप 10 में कोई भारतीय बल्लेबाज है तो वह रोहित और विराट हैं। इस लिस्ट में विराट कोहली 8वें और रोहित शर्मा 9वें स्थान पर हैं.

क्या कहते हैं रोहित विराट के ये आंकड़े?
इस प्रश्न का उत्तर बहुत सरल है. ये आंकड़े कहते हैं कि अगर भारतीय टीम को 17 सितंबर को एशिया कप में चैंपियन बनना है. अगर भारतीय टीम को इस साल विश्व कप में खिताब की ओर मजबूत कदम बढ़ाना है तो रोहित शर्मा और विराट कोहली को चमकना होगा। आकाश में वैसे तो कई तारे चमकते हैं, लेकिन ध्रुव तारे की चमक अलग-अलग होती है। इन दोनों खिलाड़ियों की इच्छाएं भी एक जैसी होंगी. आपको याद दिला दें कि रोहित शर्मा ने पिछले वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाए थे. उनके खाते में रिकॉर्ड पांच शतक दर्ज थे. वह आईपीएल के सबसे सफल कप्तान रहे हैं. अब क्रिकेट के खेल से उनकी यही सबसे बड़ी चाहत है. विराट कोहली 2011 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम का हिस्सा थे. लेकिन बतौर कप्तान वह यह खिताब हासिल नहीं कर सके. वह दो बार की विश्व कप चैंपियन टीम का हिस्सा बनने के लिए भी उत्सुक होंगे। इन दोनों खिलाड़ियों का करियर पंद्रह साल से भी ज्यादा लंबा है. रोहित शर्मा ने 2007 में और विराट कोहली ने 2008 में डेब्यू किया था. आज भी दोनों को बैटिंग में 'सेंटर स्टेज' लेना होगा. 17 सितंबर से लेकर वर्ल्ड कप तक इन दोनों की एक भूमिका और एक लक्ष्य है.

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