ये था भारत का सबसे दुर्भाग्यशाली क्रिकेटर जिसकी इलाज की कमी से हुई थी मौत, परिवार की मदद के लिए कैबरे डांस से जुटाए पैसे

भारत का वो दुर्भाग्यशाली क्रिकेटर जिसकी इलाज की कमी से हुई थी मौत, कैबरे डांस से पैसे जुटाकर की गई थी परिवार की मदद

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। आज भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट टीमों में से एक है। भारतीय क्रिकेटरों की गिनती दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेटरों में भी होती है। लेकिन पहले ऐसा नहीं था। कभी भारतीय क्रिकेटर बहुत गरीब थे। कई खिलाड़ी ऐसे भी थे जिनकी पैसे के अभाव में मौत हो गई थी। आज हम आपको एक ऐसे भारतीय क्रिकेटर के बारे में बता रहे हैं जिनकी इलाज के अभाव में मौत हो गई।

हम जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं उनका नाम दत्ताराम हिंडलकर है, जिनका जन्म 1 जनवरी 1909 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने इंग्लैंड की धरती पर भारत के लिए चार टेस्ट मैच खेले। लेकिन इलाज के अभाव में 40 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वह विजय मांजरेकर के चाचा और संजय मांजरेकर के दादा थे।


दत्ताराम हिंडलेकर एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट में 80 रुपये प्रति माह पर काम करते थे। पैसे के अभाव में वह अपने लिए ग्लव्स भी नहीं खरीद पाता था। वह विकेटकीपर खरशेद महोरहोमजी के दस्तानों के साथ विकेटकीपिंग कर रहे थे। उनकी बीमारी का पता बहुत देर से चला और उन्हें उचित इलाज नहीं मिला, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

बाद में बॉम्बे क्रिकेट एसोसिएशन ने लोगों से अपील की कि वह उनके परिवार की मदद के लिए बीसीसीआई की मदद करें। लेकिन ज्यादा मदद नहीं। बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट ने तब 6 अगस्त 1949 को एक कैबरे नृत्य का आयोजन किया, जिसमें से ₹7000 एकत्र किए गए, जो हिंडलकर के परिवार को दिए गए।

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