51 साल के सचिन तेंदुलकर ने 27 गेंद में ठोका पचासा, शेन वॉटसन और बेन डंक के शतक के दम ऑस्ट्रेलिया ने चखा जीत का स्वाद

51 साल के सचिन तेंदुलकर ने 27 गेंद में ठोका पचासा, शेन वॉटसन और बेन डंक के शतक के दम ऑस्ट्रेलिया ने चखा जीत का स्वाद

4 मार्च को भारत ने चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर उसे टूर्नामेंट के फाइनल की दौड़ से बाहर कर दिया। और, यहां 5 मार्च को इंटरनेशनल मास्टर्स लीग टी-20 में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारतीय टीम को रौंद दिया। वडोदरा में खेले गए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स ने इंडिया मास्टर्स को 95 रनों के बड़े अंतर से हरा दिया। इंडिया मास्टर्स के सलामी बल्लेबाज और कप्तान सचिन तेंदुलकर उस समय मैदान पर आए और तूफानी पारी खेली जब उन्हें इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ा। लेकिन, उनकी पारी शेन वॉटसन और बेन डंक के शतकों का पूरी तरह जवाब नहीं दे सकी।

शेन वॉटसन और बेन डंक ने शतक बनाए
मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स ने 20 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर 269 रन बनाए। इतने बड़े स्कोर तक पहुंचने में शेन वॉटसन और बेन डंक की बल्लेबाजी ने अहम भूमिका निभाई। इन दोनों बल्लेबाजों ने मैच में शतक बनाए। पारी की शुरुआत करते हुए शेन वॉटसन ने 52 गेंदों पर 7 छक्कों और 12 चौकों की मदद से 110 रन बनाए। वहीं, पहले बल्लेबाजी करने उतरी बेन डंक ने 53 गेंदों पर नाबाद 132 रन बनाए, जिसमें 10 छक्के और 12 चौके शामिल थे।

17 छक्के, 24 चौके और 242 रन
यानी, ऑस्ट्रेलियन मास्टर्स द्वारा बनाए गए 269 रनों में से 242 रन अकेले वॉटसन और डंक के बल्ले से आए, जिसमें दोनों ने मिलकर 17 छक्के और 24 चौके लगाए। उन्होंने यह तब किया जब टीम का पहला विकेट मात्र 33 रन पर गिर गया था। लेकिन इसके बाद टीम ने कोई विकेट नहीं खोया। ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स में अगर मैदान पर कुछ देखने को मिला तो वह था भारतीय मास्टर्स के गेंदबाजों का आक्रमण, रनों की आतिशबाजी और 2 शानदार शतक।

51 की उम्र में सचिन ने किया 25 साल के जैसा काम, खेली तूफानी पारी
अब इंडिया मास्टर्स के सामने 270 रनों का विशाल लक्ष्य था, जिसे नमन ओझा ने कप्तान सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर हासिल किया। अर्धशतकीय साझेदारी के बाद ओझा आउट हो गए। लेकिन सचिन तेंदुलकर का ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स के गेंदबाजों पर हमला जारी रहा। नतीजा यह हुआ कि सचिन ने मात्र 27 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। 51 साल की उम्र में ऐसा तूफानी अर्धशतक सचिन की क्षमता को बयां करता है। हालांकि, अर्धशतक बनाने के बाद सचिन ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक सके। उनकी कुल पारी केवल 33 गेंदों तक चली, जिसमें उन्होंने 4 छक्कों और 7 चौकों की मदद से 64 रन बनाए।

सचिन ने 27 गेंदों में अर्धशतक बनाया, लेकिन टीम 95 रन से हार गई।
सचिन के विकेट के साथ ही टीम इंडिया मास्टर्स में उनकी हार भी सुनिश्चित हो गई। 270 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंडिया मास्टर्स की पूरी टीम 174 रनों पर ऑल आउट हो गई और मैच 95 रनों से हार गई।

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