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Indian Cricket Team: ‘वेटलिफ्टिंग के लिए क्रिकेट में कोई जगह नहीं है’, बार-बार भारतीय खिलाड़ियों के चोटिल होने पर वीरेंद्र सहवाग ने उठाए सवाल

 

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। आजकल ज्यादातर क्रिकेटर्स जिम में वजन कम करने को लेकर जुनूनी हैं। ऐसे में पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने आज के खिलाड़ियों पर हमला बोला है। सहवाग का मानना ​​है कि जिम में भारी वजन उठाना एक कारण है कि भारतीय खिलाड़ी अक्सर चोटिल हो जाते हैं।

सहवाग ने सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक समान कार्यक्रम बनाने के लिए टीम इंडिया के प्रदर्शन कोच बासु शंकर की आलोचना की। सहवाग ने आर अश्विन के साथ हुई एक बातचीत को याद किया जब वह पंजाब किंग्स के टीम मेंटर थे।

सहवाग ने टीआरएस क्लिप्स पर कहा, 'बासु शंकर कई सालों तक भारतीय टीम के साथ थे और उन्होंने सभी खिलाड़ियों के लिए एक समान कार्यक्रम बनाया। रविचंद्रन अश्विन और विराट कोहली का शेड्यूल एक जैसा क्यों? अश्विन जब किंग्स इलेवन पंजाब के साथ थे तो उन्होंने मुझसे कहा था कि वह क्लीन एंड जर्क वर्कआउट कर रहे हैं क्योंकि यह चलन में है।" “एथलीट बचपन से क्लीन एंड जर्क ट्रेन करते हैं और फिर भी चोटिल हो जाते हैं। एक क्रिकेटर की कल्पना करें जब वह 30 वर्ष से अधिक का हो। इस वर्कआउट की वजह से अश्विन और अक्षर दोनों के घुटने में दिक्कत हो गई थी।

सहवाग ने कहा कि फिटनेस जरूरी है लेकिन हर कोई विराट कोहली नहीं है।

“हम अपने दिनों में कोई वेट ट्रेनिंग नहीं करते थे, लेकिन फिर भी पूरे दिन क्रिकेट खेलते थे। यह विराट कोहली का फंडा हो सकता है। लेकिन हर कोई विराट कोहली नहीं है। आपको अपने शरीर के आधार पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने की आवश्यकता है।" सहवाग ने यह भी कहा कि सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों को शायद ही कभी अपने खेल के दिनों में इस तरह की चोट लगी हो।
सहवाग ने कहा, 'क्रिकेट में भारोत्तोलन के लिए कोई जगह नहीं है। इसके बजाय, आपको ऐसे व्यायाम करने चाहिए जो आपके खेल को बेहतर बनाएं। वेट लिफ्टिंग से न केवल आपको ताकत मिलती है बल्कि अकड़न और दर्द भी बढ़ता है।"